केंद्रीय क़ृषि विश्वविद्यालय पूसा मे भारतीय क़ृषि सांख्यिकी सोसाइटी के 75वें प्लेटिनम जुबली वार्षिक सम्मलेन का हुआ समापन। Samastipur News

 

                 ( झून्नू बाबा )       

समस्तीपुर :डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में भारतीय कृषि सांख्यिकी सोसायटी के 75वें प्लैटिनम जुबली वार्षिक सम्मेलन का समापन समारोह आयोजित किया गया। 




समारोह में  मुख्य अतिथि के रूप में मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र के कुलपति डॉ. इंद्रमणि मिश्रा, आईएसएएस के अध्यक्ष डॉ. पद्म सिंह और देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के पूर्व कुलपति डॉ. एसडी शर्मा ने शिरकत की।


 तीन दिनो तक हुए सम्मेलन में कृषि अनुसंधान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और डिजिटल प्रौद्योगिकियों के विभिन्न आयामों की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की गई। बीस राज्यों से आये 250 से अधिक वैज्ञानिकों ने उन्नत विधियों के लिए अनुसंधान सटीकता में सुधार,



 कृषि प्रणालियों के लिए उत्पादक विश्लेषण और विविध क्षेत्रों में एआई के एकीकरण जैसे विषयों पर गहन चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान तेरह तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। सम्मेलन में छह विषय और ग्यारह उप-विषय निर्धारित कियो गये थे। 



विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पुण्यव्रत सुविमलेंदु पांडे, ने कृषि शिक्षा क्षमता विकास के लिए नीतियों के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसमें समानता, सुगमता, प्रचार, प्रासंगिकता, गुणवत्ता और क्षमता निर्माण शामिल हैं।


 डॉ. पांडे ने अनुसंधान सटीकता में सुधार के लिए नवीन प्रयोगात्मक डिजाइनों की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जैसे कि कच्चे कॉलम डिजाइन,सुडोकु आधारित डिजाइन और क्षेत्र परीक्षणों में नैनो-स्केल इनपुट को शामिल करना।



इसके अलावा, डॉ. पांडे ने शिक्षा में सुधार के लिए एआई-आधारित टूल्स की क्षमता पर चर्चा की, जैसे कि उदली, गोरिएक्ट और चैटजीपीटी, जो वास्तविक समय की प्रतिक्रिया और व्यक्तिगत शिक्षा प्रदान करते हैं।


 उन्होंने विश्वविद्यालय के नए प्रौद्योगिकियों के विकास के प्रयासों का भी उल्लेख किया, जैसे कि मशरूम 'बड़ी' उत्पादन और ड्रोन पायलट प्रशिक्षण के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना। डॉ. इंद्रमणि मिश्रा ने अपने संबोधन में जोर दिया कि एआई और डिजिटल प्रौद्योगिकियों को अपनाने से कृषि प्रथाओं में स्थिरता लाई जा सकती है और निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुधार किया जा सकता है। 


उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के मद्देनज़र बेहतर अनुकूलन रणनीतियों को बढ़ावा देने में सांख्यिकी के महत्व पर भी विस्तार से चर्चा की। डॉ इंद्रमणि ने कहा कि पूसा की धरती पावन है। यहां आकर वे स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुलपति डॉ पांडेय ने डिजिटल एग्रीकल्चर के क्षेत्र में जो कामयाबी हासिल की है वो देश भर के विश्वविद्यालयों के प्रेरणा दायक है।


भारतीय कृषि सांख्यिकी सोसायटी के अध्यक्ष डॉ पद्म सिंह ने कहा कि यह सम्मेलन हर मामले में ऐतिहासिक रहा है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि सम्मेलन में बीस राज्यों के 250‌से अधिक वैज्ञानिकों ने शिरकत की है। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एस डी शर्मा ने कहा कि कुलपति डॉ पांडेय स्वयं भी एक विख्यात सांख्यिकी विशेषज्ञ हैं। सम्मेलन में मिथिला की। आवभगत की उन्होंने सराहना की। 


सम्मेलन में नवीन समाधानों को भी प्रदर्शित किया गया, जैसे कि शिक्षा में सुधार के लिए एआई-आधारित टूल्स, जो वास्तविक समय की प्रतिक्रिया और व्यक्तिगत शिक्षा प्रदान करते हैं। सम्मेलन के अन्य मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं सम्मेलन के अन्य मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं: आधुनिक आणविक उपकरणों को अपनाना फसल और पशु व्यापार में सुधार के लिए मशीन लर्निंग, जीनोमिक्स और अन्य आधुनिक आणविक उपकरणों को अपनाने की सिफारिशें।


एकीकृत दृष्टिकोण,प्रयोगात्मक डिजाइन और डेटा प्रबंधन के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया गया।


सटीक वर्षा सिंचित कृषि, सटीक वर्षा सिंचित कृषि के माध्यम से शुष्क क्षेत्र के किसानों की आय में वृद्धि पर ध्यान केंद्रित किया गया। 75वां वार्षिक आईएसएएस सम्मेलन ने कृषि अनुसंधान में एआई और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनकारी क्षमता को सफलतापूर्वक उजागर किया, जिससे एक अधिक स्थायी और लचीला खाद्य प्रणाली का मार्ग प्रशस्त हुआ। डॉ. अमरेश चंद्रा, डीन ऑफ कॉलेज ऑफ बेसिक साइंस एंड ह्यूमैनिटीज ने कार्यक्रम के दौरान स्वागत भाषण दिया और कांफ्रेंस के सत्रोकी विस्तृत जानकारी दी।



कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बेस्ट पेपर के लिए डा राकेश मणि शर्मा को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के दौरान निदेशक शिक्षा डा उमाकांत बेहरा निदेशक प्रसार डॉ मयंक राय डीन इंजीनियरिंग डॉक्टर राम सुरेश वर्मा , डॉ महेश कुमार, डॉ शिवपूजन सिंह, डॉ कुमार राज्यवर्धन समेत विभिन्न शिक्षक वैज्ञानिक एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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