मुख्यमंत्री ने समस्तीपुर जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक की। Samastipur News


• समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने की कई महत्वपूर्ण घोषणायें

• 2025 मे 12 लाख सरकारी नौकरी लोगो को मुहैया कराया जाएगा एवं 34 लाख लोगो को रोजगार का अवसर प्रदान होगा

               ( झून्नू बाबा )

समस्तीपुर : प्रगति यात्रा के दूसरे चरण के दौरान सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समस्तीपुर जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में समस्तीपुर के समाहरणालय सभाकक्ष में समीक्षात्मक बैठक की।



समीक्षात्मक बैठक में समस्तीपुर जिला के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने समस्तीपुर जिले के विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।


 जिलाधिकारी ने बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, हर घर नल का जल एवं उनका अनुरक्षण, हर घर तक पक्की गली-नाली, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी, कृ वि फीडर का निर्माण, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत कनेक्शन योजना, 



मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहन, स्वास्थ्य उपकेंद्र में टेली मेडिसीन के माध्यम से चिकित्सा परामर्श, पशु चिकित्सा सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी एवं पंचायत सरकार भवन के निर्माण की अद्यतन स्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा हर पंचायत में 10+2 विद्यालय, ग्राम पंचायत,


 नगर पंचायत में खेल-कूद को बढ़ावा देने हेतु स्पोर्ट्स क्लब का गठन, प्रत्येक पंचायत में खेल का मैदान, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों का गठन, राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता, दाखिल खारिज/परिमार्जन / परिमार्जन प्लस एवं जल-जीवन-हरियाली के तहत जीर्णोद्धार कराए गए सार्वजनिक कुओं, 



पोखर तथा तालाबों की अद्यतन स्थिति के संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं भी रखीं।


समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बैठक में जनप्रतिनिधियों ने जो भी समस्याएं रखी हैं, उनका जल्द से जल्द निराकरण करें। मुख्य सचिव भी समस्याओं के समाधान को लेकर त्वरित कार्रवाई करें।


 मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रगति यात्रा के क्रम में हम जिन जिलों में जा रहे हैं वहां विकास कार्यों की जानकारी लेने के साथ ही जमीनी स्तर पर उसका जायजा भी लेते हैं। पिछले कैबिनेट की बैठक में प्रगति यात्रा के दौरान जो पहले घोषणाएं हुई हैं, 


उसकी मंजूरी दे दी गयी है। 24 नवंबर, 2005 से बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया। उस समय से हमलोग बिहार के विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के लिए लगातार विकास का काम किया जा रहा है। वर्ष 2005 से पहले बिहार की हालत काफी खराब थी।


 शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी। प्रायः हिन्दू-मुस्लिम के बीच विवाद की खबरें आती थीं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा से हमारा संबंध वर्ष 1995 से है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में हम केंद्र में मंत्री थे। वे मुझे बहुत मानते थे। उन्होंने ही मुझे बिहार का मुख्यमंत्री बनाया। हम सब मिलकर बिहार के विकास के लिए काम करते रहेंगे,बिहार को और आगे बढ़ाएंगे।


 जब बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया, तब से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है। हमलोग मिलकर लगातार बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं। वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू कराई।


 अब तक 8 हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है और 1247 कब्रिस्तानों को चिह्नित किया गया है जिसमें 746 कब्रिस्तानों का काम लगभग पूरा हो गया है और शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई जा रही है। हमलोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं। इसको देखते हुए मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया गया ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं न हों। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं। बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने से पहले 8 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटे किया गया है। इसके लिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई। वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना शुरू की गई थी लेकिन जब लड़कों ने मांग शुरू की तो वर्ष 2010 से उनके लिए भी साइकिल योजना शुरू की गई। पहले काफी कम संख्या में लड़कियां पढ़ने जाती थीं।


 लड़कियों को जब साइकिल दी गई तो वे समय पर स्कूल जाने लगीं और साथ ही शाम में अपने माता-पिता को भी बाजार ले जाती हैं। यह दृश्य देखकर काफी अच्छा लगता है। बिहार में बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली की गई है। स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है।


 बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की भी बहाली की जा रही है। इसके साथ ही नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। मदरसों को भी सरकारी मान्यता प्रदान की गई और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूप वेतन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीज इलाज कराने आते थे। अब 1 माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं।


 पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। अब उनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है। सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। पीएमसीएच को 5400 बेड का वर्ल्ड क्लास अस्पताल बनाया जा रहा है। आईजीआईएमएस का भी विस्तारीकरण किया जा रहा है, यहां पर 3000 बेड की सुविधा होगी।


 इसके साथ ही हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली एवं नाली का निर्माण, हर घर शौचालय, हर घर तक बिजली का कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी गई हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, 


इसके तहत अब तक 4 चुनाव हो चुके हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रकार से काम किया है। वर्ष 2013 में पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है।


 वर्ष 2016 से हमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी। हमलोगों ने वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया। बिहार में अब स्वयं सहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है 


जिनसे 1 करोड़ 31 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमलोगों ने ही दिया है. जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और उसका नाम आजीविका दिया। हमलोगों के काम का असर पूरे देश पर पड़ता है। बिहार में अब शहरी 


क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू कराया गया है। शहरी क्षेत्र में अब तक 26 हजार जीविका स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, 


जिसे बढ़ाकर 12 लाख किया गया है। अब तक 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावा 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया है। वर्ष 2025 में 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा। 


हमलोगों ने सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। हमलोगों ने बिहार में जाति आधारित गणना कराई जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों को चिह्नित किया गया है, जो हर जाति से जुड़े हैं। ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें।


मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्तीपुर जिले में विकास के कई कार्य किए गए हैं। यहां इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल संस्थान और छात्रावासों का निर्माण कराया गया है। साथ ही पॉलिटेक्निक संस्थान, महिला आईटीआई, सभी अनुमंडलों में आई०टी०आई०, जीएनएम संस्थान, पारा मेडिकल संस्थान और जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास का भी निर्माण कराया गया है।


 वर्ष 2023 में सरायरंजन में श्रीराम जानकी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का उद्घाटन किया गया। समस्तीपुर जिला में कई पथों एवं पुलों का निर्माण कराया गया है। कल्याणपुर, विभूतिपुर और उजियारपुर में अनुसूचित जाति अंबेडकर कल्याण छात्रावास का निर्माण कराया गया है। बूढ़ी गंडक नदी पर बड़े पुल का निर्माण करा दिया गया है। 79 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कराया गया है।


 इस जिले में जो भी पंचायत सरकार भवन बचे हुए हैं जिलाधिकारी उसका शीघ्र निर्माण कराएं। यहां 5 पावर ग्रिड का निर्माण कराया गया है और साथ ही 39 पावर उपकेंद्र बनाए गए हैं। 60 डेडीकेटेड कृषि फीडर का निर्माण कराया गया और 25 हजार 288 इच्छुक किसानों को विद्युत कनेक्शन दिया गया है। 50 हजार 340 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है, जिससे 6 लाख 36 हजार जीविका दीदी जुड़कर अपना जीविकोपार्जन कर रही हैं। 


समस्तीपुर जिले के लिए इन सब कामों के अलावा और भी जिन कामों के संबंध में सुझाव आएंगे उस पर काम किया जाएगा।

समस्तीपुर जिले में लोगों की मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणायें मुक्तापुर-मोईन को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा।समस्तीपुर-दरभंगा पथ पर मुक्तापुर में रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी का निर्माण कराया जायेगा।समस्तीपुर शहर के लिए छोटी बेझाडीह से मुक्तापुर में प्रस्तावित आरओबी तक बाईपास सड़क का निर्माण कराया जायेगा।


समस्तीपुर शहर में गंडक नदी पर मगरदही घाट के पास पुराने जर्जर पुल के स्थान पर आरसीसी पुल का निर्माण कराया जायेगा।सरायरंजन में मेडिकल कॉलेज के लिए बाईपास का निर्माण कराया जायेगा! रोसड़ा-शिवाजीनगर पथ का चौड़ीकरण किया जायेगा।

रोसड़ा नगर परिषद में बाईपास का निर्माण किया जायेगा। इससे लोगों को जाम की समस्या से निजात मिलेगी। शिवाजी नगर प्रखंड में शंकर घाट पर उच्चस्तरीय आरसीसी पुल का निर्माण किया जायेगा। इससे लोगों को आवागमन में सुविधा होगी।बलान नदी का गाद उड़ाही कराया जायेगा।इन सब कामों को करा दिया जायेगा और इसके अतिरिक्त समस्तीपुर जिले में और कोई भी जरूरत होगी, उसको भी कराया जायेगा। बिहार के हर क्षेत्र में काम हो रहा है, आगे और तेजी से काम होगा। समीक्षा बैठक में समस्तीपुर जिला के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने प्रतीक चिह्न और हरित पौधा भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री सह समस्तीपुर जिला के प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार, सूचना एवं जन-संपर्क मंत्री महेश्वर हजारी, सांसद विधायक वीरेंद्र कुमार, विधायक अशोक कुमार मुन्ना, विधायक राजेश कुमार सिंह, विधायक अजय कुमार, विधान पार्षद डॉ तरुण कुमार, जिला परिषद् की अध्यक्षा खुशबू कुमारी, महापौर अनिता राम, जिलास्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, जिलास्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष दुर्गेश राय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  दीपक कुमार, मुख्य सचिव  अमृत लाल मीणा, पुलिस महानिदेशक विनय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव / सचिव, दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त मनीष कुमार, दरभंगा प्रक्षेत्र की पुलिस उप महानिरीक्षक डॉ स्वपना गौतम मेश्राम, समस्तीपुर के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा एवं पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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