( झून्नू बाबा )
समस्तीपुर : डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में गन्ना अनुसंधान, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन पर सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम का आयोजन बिहार राज्य उद्योग प्रोत्साहन कार्यक्रम के अंतर्गत किया जा रहा है।
कार्यक्रम में बोलते हुए कुलपति डॉ पी एस पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय बिहार के चौथे कृषि रोड मैप में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। गुड़ उद्योग को प्रोत्साहन देने का बिहार सरकार प्रयास कर रही है , जिसमें विश्वविद्यालय कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि मूल्य संवर्धन समय की मांग है।
अब किसानों को भी पैकेजिंग, मार्केटिंग आदि के बारे में जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में गुड़ के पच्चीस से ज्यादा प्रोडक्ट्स बनाये जा रहे हैं जिसकी काफी मांग है। विश्वविद्यालय अपने सीमित संसाधनों के कारण उन्हें पूरा नहीं कर सकता।
यदि नये उद्यमी इसमें जुड़ेंगे तो विश्वविद्यालय उन्हें हर तरह का सहयोग देगा और बाजार उपलब्ध करवायेगा। बिहार सरकार के गन्ना आयुक्त श्री अनिल कुमार झा ने कहा कि पूसा विश्वविद्यालय ग्यान का भंडार है। यहां के वैज्ञानिक का देश भर में गन्ना के विकास में अहम योगदान है।
उन्होंने कहा पिछले दो वर्षों में विश्वविद्यालय ने जो प्रगति की है उसकी चर्चा बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में होती है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार गुड़ उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कर रही है और उन्हें उम्मीद है कि विश्वविद्यालय के सहयोग से कुछ वर्षों में बिहार को गुड़ उत्पादन में देश भर में अग्रणी बना दिया जाएगा।
सहायक ईख आयुक्त श्री वेदव्रत कुमार ने बिहार सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि किसी भी तरह की समस्या होने पर किसान सीधे उनसे संपर्क कर सकते हैं। कार्यक्रम में बोलते हुए निदेशक अनुसंधान डॉ ए के सिंह ने विश्वविद्यालय में गन्ना अनुसंधान को लेकर किये जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी।
निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ मयंक राय ने कहा कि विश्वविद्यालय में गन्ना अनुसंधान और प्रसंस्करण को लेकर किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ देवेंद्र सिंह ने कार्यक्रम के दौरान स्वागत भाषण दिया और प्रशिक्षण कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन डॉ सुनीता कुमारी मीणा ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ अनुपम अमिताभ ने किया। कार्यक्रम के दौरान जलवायु अनुकूल कृषि के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ रत्नेश झा, वैज्ञानिक डॉ मिनातुल्ला, डीसी के झा, डॉ बलवंत , डॉ कुमार राज्यवर्धन समेत विभिन्न शिक्षक वैज्ञानिक एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।