• नहीं मिल रहा है बेल, बिना पेशी के लोटे 132 बंदी
( झून्नू बाबा )
समस्तीपुर : चार सूत्री मांगों को लेकर राज्यव्यापी आह्वान के तहत कोर्ट कर्मी हड़ताल पर हैं। जिस कारण दो दिनों से बंदियों की पेशी नहीं हो पा रही है। नहीं बंदियों को बेल मिल पा रहा है।
वही जिन्हें एक दिन पूर्व बेल मिल गया था बेल आदेश नहीं निकलने के कारण अब उन्हें हड़ताल तक जेल में ही रहना होगा। समस्तीपुर जिले के वारिसनगर से शराब मामले में एक बंदी को गिरफ्तार कर ले चौकीदार लाल मोहम्मद बताते हैं
कि बंदी राजू को थाने से कोर्ट में पेशी के लिए भेजा गया था ।लेकिन हड़ताल की वजह से पेसी नहीं हो पाई। अब वह वापस थाना लौटेंगे। वही जितवारपुर की सोनी देवी बताती है कि उनके पति रंजीत पासवान को एक दिन पूर्व बेल मिल गया था
आज वह छूटने वाले थे लेकिन आदेश नहीं निकलने के कारण उन्हें हड़ताल खत्म होने तक इंतजार करना पड़ेगा ।आज वह जब कार्यालय पहुंची तो बताया गया कि सभी लोग स्टाइक पर हैं।
यह तो चंद्र उदाहरण है शुक्रवार को मंडल कल से विभिन्न मामलों के 132 बंदियों को पेशी के लिए कोर्ट में लाया गया था लेकिन हड़ताल की वजह से बंदियों की पेशी नहीं हो पाई ।
कोर्ट हजरत के इंचार्ज जमादार शिवनंदन बताते हैं कि सदर अनुमंडल कोर्ट में 84 लोगों को पेशी के लिए लाया गया है लेकिन पेशी नहीं होने की वजह से अब इन लोगों को वापस भेजा जाएगा। वही विभिन्न मामलों के 48 अन्य बंदियों को भी सिविल कोर्ट में लाया गया लेकिन हड़ताल की वजह से इन लोगों की भी पेशी नहीं हो पाई ।
कुल मिलाकर 136 बंधिया को अब पुनः मंडल कारा पहुंचा दिया जाएगा। अधिवक्ता संजय कुमार बबलू बताते हैं कि कोर्ट कर्मियों की स्ट्राइक जायज है सरकार को उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए उनकी मांगों को माननी चाहिए स्ट्राइक की वजह से कामकाज प्रभावित हो रहा है
बंदियो की पेशी नहीं हो पा रही है ना ही किसी मामले में गवाही हो पा रही है लोग बेल आउट भी नहीं हो पा रहे हैं। अधिवक्ता रविशंकर चौधरी बताते हैं कि हड़ताल लंबा चला तो आम लोगों को काफी परेशानी हो जाएगी पुलिस प्रशासन भी परेशान होगा चुकी गिरफ्तारी पुलिस करती है और उसे कोर्ट में पेश करती है ऐसी स्थिति में उनका कामकाज भी प्रभावित होगा।