सुरक्षित शनिवार के तहत बच्चों को पटाखों से होने वाले प्रदूषण व जोखिम से बचाव की दी जानकारी। Samastipur News

झुन्नू बाबा 

समस्तीपुर : मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम सुरक्षित शनिवार वार्षिक समय सारणी के तहत जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान मानवेंद्र कुमार राय के नेतृत्व में जिले के सभी प्राथमिक, मध्य व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में विद्यालयों में चेतना सत्र के बाद फोकल शिक्षक व बाल प्रेरकों ने बच्चों को पटाखों से होने वाले प्रदूषण व स्वास्थ्य संबंधित जोखिम से बचाव की जानकारी दी गई।



 इस दौरान शनिवार को पी.आर.इंटर स्कूल कर्पुरीग्राम, उत्क्रमित मध्य विद्यालय मोहनपुर व सुदामा देवी प्राथमिक विद्यालय मल्लाहटोल शम्भूपट्टी सहित अन्य विद्यालयों में संबंधित विद्यालयों के फोकल शिक्षक सुभीत कुमार सिंह, ऋतुराज जायसवाल, जुली कुमारी व बाल प्रेरकों सहित अन्य शिक्षकों ने बच्चों को दिपावली के पटाखों से होने वाले प्रदूषण व जोखिम से बचाव के बारे में तथा इसके लिए "क्या करें और क्या ना करें" के संबन्ध में जानकारी दी गई।


 इस क्रम मे उच्च विद्यालय कर्पुरीग्राम में मिडिया समन्वयक एसएसए हरिश्चंद्र पासवान की मौजूदगी में  विद्यालय के फोकल शिक्षक सुभीत कुमार सिंह ने विद्यालय के बच्चों को कहा कि दीपावली प्रकाश का पर्व है और ऐसे में पटाखों के प्रयोग से बढ़ने वाले प्रदूषण व होने वाले जोखिमों से पर्व के रंग को फीका नहीं करना चाहिए. 


उन्होंने कहा कि बाजार में मिलने वाले अधिकतर पटाखों में बारुद, सल्फर, चारकोल, नाईट्रोजन आदि का प्रयोग होता है जो हमारे स्वास्थ्य के साथ- साथ वायुमंडल को काफी हद तक प्रभावित करता है. पटाखों के आवाज से जहां बीमार व बूढ़ों को घबराहट होती है वहीं सामान्य लोगों के लिए भी पटाखों से निकलने वाला धुआं कभी- कभी गले तथा आंख में इंफेक्शन का कारण बन जाता है।


 यही नहीं पटाखे फोड़ते समय होने वाली घटनाएं कभी कभार लोगों के लिए आजीवन न भूलने वाला दर्द दे जाता है। इसलिए दीपावली जैसे पावन पर्व पर पटाखों से परहेज करना चाहिए। वही प्रभारी प्रधानाध्यापक डां बेबी कुमारी ने कहा कि खासकर बच्चों को आतिशबाजी से बिल्कुल दूर रहना चाहिए।


 उन्होंने पटाखों से उत्पन्न जोखिम से बचाव की जानकारी देते हुए बताया कि अगर पटाखा छोड़ने के दौरान किसी भी व्यक्ति व बच्चे के हाथ या शरीर का अन्य भाग जल जाता है। तो उसे तुरंत ठंडे पानी में हाथ को डाल कर रखना चाहिए। 


उसके बाद उसे विशेष उपचार हेतु नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचाना चाहिए। कार्यक्रम में शिक्षक तरूण कुमार झा, कीर्ति किरण, मुस्कान गुप्ता सहित विद्यालय के अन्य सभी शिक्षक व छात्र, छात्राओं ने भाग लिया।

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