समस्तीपुर में कथावाचक अनिरुद्ध आचार्य के कथा का आयोजन। Samastipur News


पहले दिन सुनाई मोक्ष प्राप्ति की कथा, कहा किसी का बुरा न सोचो, सदा प्रसन्न रहो

                    ( झुन्नू बाबा )

समस्तीपुर में जिले के सरायरंजन के उदयपुर में शनिवार को कथावाचक अनिरुद्ध आचार्य की कथा शुरू हुई। यह कथा 11 अक्टूबर तक चलेगी। कथा के पहले दिन काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी।



 जहां कथावाचक ने मोक्ष को लेकर कई बातें बताई।उन्होंने कहा कि मोक्ष धरती पर ही मिल सकता है, अगर व्यक्ति किसी का बुरा ना सोचे, सबकी अच्छाई के लिए सोचे, सदा प्रसन्न रहे, सब की सेवा करें सबका सम्मान करें तो धरती पर ही मोक्ष है। वह मृत्यु उपरांत अवश्य मोक्ष को प्राप्त करेगा।



मौके पर अनिरुद्ध आचार्य ने कहा कि जो व्यक्ति भगवान के चरण में चला जाता है, वह बार-बार जन्म मृत्यु से छुटकारा पा लेता है। प्रभु के चरण में जाने के लिए आपको गंदगी से दूर होना होगा। 


इस जन्म मृत्यु को यहां गंदगी के रूप में उन्होंने समझाते हुए एक राजा और रानी की कहानी बताई। जिसमें कहा कि एक राज की रानी के पास दूसरे मर्द उसके कक्ष में थे। इसी दौरान राजा के आने की सूचना मिली। 


घबराई रानी ने उस व्यक्ति को कहा कि जल्दी से तुम यहां से चले जाओ वरना राजा मुझे मृत्युदंड दे देंगे। रानी ने उसे पीछे के रास्ते से जानेको कहा। जहां गंदगी मल मूत्र का दलदल था। वह व्यक्ति पीछे से जाने के दौरान उस दलदल में फंस गया।


 हालांकि इधर रात भर राजा रानी के पास रहे सुबह-सुबह वापस हुए, तब रानी को याद आया कि पीछे रास्ते से गया व्यक्ति गया या फंसा हुआ है। लेकिन तब तक वह व्यक्ति फंसा हुआ था। उसे किसी तरह रानी ने बाहर निकाला और वह नदी में जाकर स्नान किया।


उन्होंने कहा कि आप में से कोई कभी वैसे दलदल में गया है। कोई जाना चाहेगा। लेकिन ऑडियंस से आवाज नहीं आई इसके बाद उसने बताया कि मां की कोख वैसी ही गंदगियों का दलदल है। 


जहां 9 महीने तक बच्चे उस दलदल में फंसे रहते हैं। फिर से उस दलदल में न जाए इसके लिए प्रभु के चरण में जाना होगा ताकि जन्म-मृत्यु और फिर जन्म के चक्कर से आप मुक्त हो सके।



बता दें कि इससे पूर्व दोपहर पटना से समस्तीपुर पहुंचने पर उनका लोगों ने भव्य स्वागत किया। इस मौके पर पूरा सरायरंजन ही सड़क पर उतर गया था। लोगों ने गाजे-बाजे के साथ उनका स्वागत किया।


 आचार्य भी गाड़ी से बाहर निकालकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।सरायरंजन के उदयपुर में 5 दिनों तक लोग महाराज के कथा का आनंद ले सकेंगे यह कथा आगामी 11 अक्टूबर तक

चलेगा। 


उधर कथा के दौरान जुट रही भीड़ को देखते हुएसुरक्षा व्यवस्था के करें प्रबंध किए गए हैं। स्थानीय पुलिस के साथ ही आयोजक कमेटी के वॉलिंटियर्स भी जगह-जगह तैनात किए गए हैं इस कथा को सुनने के लिए खासकर महिलाओं की बड़ी भीड़ जुट रही है।

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