झुन्नू बाबा
समस्तीपुर ! डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में प्रसार शिक्षा परिषद की आठवीं बैठक का आयोजन डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (आरपीसीएयू) में प्रसार शिक्षा परिषद की आठवीं बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञों और किसानों को एक साथ लाया गया ताकि वे कृषि के भविष्य पर चर्चा कर सकें।कार्यक्रम के दौरान अध्यक्षीय भाषण देते हुए
कुलपति डॉ. पीएस पांडेय ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और डिजिटल एग्रीकल्चर आने वाले दशकों में कृषि मे बड़ा परिवर्तन लायेगा । वैज्ञानिकों को इसके लिए अभी से तैयारी करनी होगी।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और डिजिटल एग्रीकल्चर को लेकर वैज्ञानिकों को एक विस्तृत प्रशिक्षण मैन्यूअल बनाना चाहिये जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन तकनीक तथा अन्य को लेकर अलग अलग माड्यूल हो।
उन्होंने कहा कि किसानों को अभी से प्रशिक्षण देना चाहिए ताकि वे ड्रोन जैसी नवीन तकनीकों से लाभ उठा सकें।
बीएयू सबौर के पूर्व कुलपति डॉ. ए.के. सिंह ने कहा कि पूसा विश्वविद्यालय डिजिटल एग्रीकल्चर के क्षेत्र में देश भर में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और वे कुलपति डॉ पी एस पांडेय से डिजिटल एग्रीकल्चर के क्षेत्र में अपना गुरु मानते है।
उन्होंने भी इस विश्वविद्यालय क डिकृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) को डाटा संकलन में विशेष सतर्कता बरतना चाहिए क्योंकि इस फीडबैक के आधार पर विश्वविद्यालय और सरकार किसानों के लिए नीतियां निर्धारित करती है।
आईआईएफएसआर मोदीपुरम के पूर्व निदेशक डॉ. एस.के. शर्मा ने कहा कि ड्रोन ट्रेनिंग को लेकर विश्वविद्यालय की चर्चा दूसरे राज्यों में भी होती रहती है।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को हर प्रखंड की फसल पारिस्थितिकी का अध्ययन करना चाहिए और ध्यान देना चाहिए कि वहां किस तरह की फसल को बढ़ावा दिया जा सकता है।
आईसीएआर, नई दिल्ली के पूर्व सहायक प्रसार शिक्षा महानिदेशक डॉ. रणधीर सिंह ने कहा कि वैज्ञानिकों को किसानों के साथ मिलकर उनकी समस्याओं को जानने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसानों के विचारों पर नीति निर्धारण में विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
एटारआई, आईसीएआर के निदेशक डॉ. अन्जनी सिंह ने सरकार की नीतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पद्मश्री श्रीमती राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची ने कहा कि उनकी विकास यात्रा में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण योगदान है ।
उन्होंने कहा कि हाल आयोजित कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम में भी अमिताभ बच्चन के सामने उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर कुलपति की तारीफ की है। उन्होंने प्रसार शिक्षा परिषद का सदस्य बनाए जाने पर कुलपति को धन्यवाद दिया।
प्रगतिशील कृषक श्री राघव शरण ने जैविक उत्पादों के बाजार की समस्या पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से सहयोग मांगा और खेती में मजदूरों की समस्याओं को लेकर भी अपनी बात रखी। कार्यक्रम के दौरान निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ मयंक राय ने स्वागत भाषण दिया जबकि प्रसार शिक्षा के प्राध्यापक डॉ रत्नेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम के दौरान कुलसचिव डा मृत्युंजय कुमार,निदेशक अनुसंधान डॉ ए के सिंह, निदेशक शिक्षा डा उमाकांत बेहरा डीन पीजीसीए डॉ अमरेश चंद्रा, डीन इंजीनियरिंग डॉक्टर राम सुरेश वर्मा, डॉ मोती लाल मीणा, डॉ फूलचंद, डॉ कुमार राज्यवर्धन समेत विभिन्न वैज्ञानिक एव पदाधिकारी उपस्थित रहे।