झुन्नू बाबा
समस्तीपुर ! सिविल सर्जन के द्वारा गठित की गई जांच टीम ने भी माना है कि तत्कालीन डीएस डॉ गिरीश कुमार ने सांसद के सदर अस्पताल निरीक्षण के दौरान अपने कर्तव्य निर्वहन के प्रति लापरवाही नहीं बरती थी।
जांच टीम में शामिल जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विशाल कुमार ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है। अब इसके बाद सिविल सर्जन के पूर्व के पत्रांक के अनुसार डॉ गिरीश कुमार के फिर से सदर अस्पताल का डीएस बनने की संभावना बढ़ गई है। बता दें कि सांसद ने सदर अस्पताल निरीक्षण के बाद तत्कालीन डीएस डॉ गिरीश कुमार की शिकायत 20 सूत्री की बैठक में जिला के प्रभारी मंत्री से की थी।
इसके बाद सिविल सर्जन ने डॉ गिरीश कुमार को बगैर शो कॉज व जांच के ही किए ही ऊपर से आए प्रेशर के बाद डीएस पद से हटाते हुए डॉ नागमणि राज को डीएस बना दिया था। वहीं इस घटना के 3 महीने के बाद गठित जांच टीम ने तत्कालीन डीएस डॉक्टर गिरीश कुमार को अपनी जांच रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी है।
अब देखना होगा कि कर्तव्य में लापरवाही के आरोप में डीएस पद से हटाए गए डॉ गिरीश कुमार को जांच रिपोर्ट में क्लीन सीट मिलने के बाद फिर से सदर अस्पताल का डीएस बनाया जाता है कि नहीं। जांच टीम ने माना डीएस ने सांसद के निरीक्षण के दौरान किया था सहयोग,सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी ने बीते 10 जुलाई को सांसद शांभवी चौधरी के सदर अस्पताल निरीक्षण के दौरान पायी गई कुव्यवस्था के संबंध में जांच को लेकर बीते 15 अक्टूबर को जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विशाल कुमार की दो सदस्ययी जांच टीम बनायी थी।
जांच टीम को निर्देश पत्र के माध्यम कहा गया था कि इस मामले में डीएम स्तर पर ही जांच टीम गठित होनी थी, लेकिन नहीं हो सका था। वहीं डॉ नागमणि राज को इस शर्त के साथ किया गया था कि यह व्यवस्था तात्कालिक रूप से किया गया है, जांचोपरांत जांच के फलाफल से यह पूर्णतः प्रभावी होगा। वहीं जांच टीम ने कहा है कि अत्यधिक बारिश होने के कारण सदर अस्पताल में जल जमाव हो गया था।
इसके कारण फैली गंदगी को संबंधित एनजीओ के द्वारा साफ करवा दिया गया था। वहीं तत्कालीन डीएस डॉ गिरीश कुमार ने सांसद के निरीक्षण के दौरान उन्हें सहयोग किया था। इस दौरान सदर अस्पताल में मरीजों का समुचित इलाज अन्य व्यवस्थाएं नियमानुसार संचालित हुई थी। वहीं सिविल सर्जन डॉ संजय कुमार चौधरी ने बताया कि
20 सूत्री की बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री और जिले के डीएम से इस संबंध में विचार विमर्श किया गया है। आगे इस पर जल्द ही कुछ निर्णय लिया जाएगा। अब सभी की निगाहें सिविल सर्जन पर टिकी हुई है कि कब डीएस डॉ गिरीश कुमार को उनके पद पर बहाल करतें हैं!