केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में मधु उत्पादन एवं मूल्य संवर्धन पर 6 दिवसीय प्रशिक्षण का समापन। Samastipur News

झुन्नू बाबा 

समस्तीपुर ! डा राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में मधु उत्पादन और मूल्य संवर्धन पर छह दिवसीय प्रशिक्षण का समापन समारोह कुलपति डॉ पी एस पांडेय की अध्यक्षता में आयोजन किया गया। 



समारोह में बोलते हुए कुलपति डॉ पी एस पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में मधु उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति लाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में शाही लीची का शहद सिर्फ इसी इलाके में मिलता है। इसके जी आई टैगिंग को लेकर विश्वविद्यालय प्रयास कर रहा है। 


जी आई टैग हासिल होने के बाद मधु का दोगुना से ज्यादा दाम मिल सकेगा। उन्होंने कहा प्रशिक्षणार्थियों से अनुरोध किया कि वे जितने भी शहद का उत्पादन करते हैं उसका उचित दाम न मिलने पर विश्वविद्यालय से संपर्क करें। विश्वविद्यालय उचित मूल्य पर उनके शहद को खरीदेगा।


 उन्होंने कहा कि वैशाली के किसानों को बाजार दर से लगभग दोगुने दाम पर विश्वविद्यालय ने खरीद की है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से शहद का निर्यात भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि बिहार न सिर्फ देश में बल्कि पूरे विश्व में सबसे अधिक शहद का उत्पादन करे। 


उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शहद क्रांति को लेकर नवयुवको की एक फौज तैयार कर रहा है जिसका असर एक दो वर्षों में दिखाई देगा। डीन पीजीसीए डॉ मयंक राय ने कहा कि विश्वविद्यालय कुलपति के नेतृत्व में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। 


शहद क्रांति के उनके सपने को पूरा करने के लिए वैज्ञानिकों को मिल कर काम करना होगा। निदेशक अनुसंधान डॉ एस के ठाकुर ने कहा कि सभी प्रशिक्षणार्थियों को विश्वविद्यालय से जुड़ कर रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की समस्या होने पर विश्वविद्यालय उन्हें सहयोग करेगा।


 कृषि व्यवसाय प्रबंधन के समन्वयक डॉ रामदत्त ने कहा कि किसानों को पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर जोर देना चाहिए। कार्यक्रम का संयोजन डा मोहित शर्मा के नेतृत्व में किया गया। डा नागेन्द्र कुमार ने कार्यक्रम के दौरान धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के दौरान डा उदयन मुखर्जी, डॉ कुमार राज्यवर्धन समेत विभिन्न शिक्षक वैज्ञानिक एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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