दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल देश में कृषि क्रांति का आगाज़ हो चुका है! Pusa Agriculture News, Pusa Samastipur News

 

                     ( झुन्नू बाबा )


समस्तीपुर ! राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल ने कहा कि देश में कृषि क्रांति का आगाज हो चुका है विगत कुछ वर्षों से परिवर्तन हो रहा है 


परिवर्तन का जल किसने की सोच में देशभर के लोग पॉजिटिव सोच के साथ आगे बढ़ने लगा हुआ पर्यटन स्थल के रूप में विख्यात हो चुका है विश्व भर सैलानी गोवा के बाहर की विशेषताओं को भी गोवा में लाने की जरूरत है गोवा में मशरूम बीज निर्माण शुरू करने की आवश्यकता है



 जिससे मशरूम उत्पादन के साथ-साथ मशरूम के उत्पादों से भी लोगों को जोड़ा जा सके गोवा में एक उच्च कोटि का मशरूम केंद्र स्थापित कर संपूर्ण गोवा में मशरूम एवं उससे बने उत्पादों को से गोवा सहित देश के विभिन्न प्रदेशों के बाजार में बेचा जा सके मशरूम के अलावा अन्य सभी फसलों के लिए पूरे देश के लिए केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय मार्गदर्शन के रूप में उभर कर सामने आया है


 प्राकृतिक खेती एवं शिक्षा से भी गोवा के किसान लाभान्वित होंगे किसान गोवा में 2 लाख से अधिक किस प्राकृतिक खेती कर रहे हैं पीएम के वक्तव्य के अनुसार किसने की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में किस क्रियाशील हो चुके हैं



 किसानों को प्राकृतिक खेती से किसानों को फिलहाल 27% आमदनी पड़ जाती है जबकि 52% लागत डर भी घटती है देसी गायों के पालन से प्राकृतिक खेती की शुरुआत संभव है राज्यपाल आर लेकर ने कहा कि केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के लिए बिहार के संपूर्ण राज भवन 24 घंटे खुले हैं


 एवं कृषि से जुड़े सभी कार्यों के निष्पादन के लिए तैयार हम कृषि विश्वविद्यालय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए भी तैयार हैं प्रशिक्षणार्थियों के प्रशिक्षण गोवा के किसी एक गांव तक ही सीमित नहीं रहे इसलिए संपूर्ण गोवा में प्रचारित करने की जरूरत है एवं व्यवहार में लाने की जरूरत है


 भारत कृषि प्रधान देश है कुत्ता के साथ लेकर चलने की जरूरत है गोवा में भी विश्वविद्यालय के सहयोग से कृषि की अपनी पहचान होगी स्वागत करते हुए कुलपति डॉक्टर स पांडे ने कहा की कृषि शिक्षा की जननी एवं उद्गम स्थल उषा में ही अवस्थित है इस विश्वविद्यालय में 27 राज्यों के छात्र-छात्राएं एवं सत्र राज्यों के फैकल्टी अध्यनरत है मशरूम के प्रसंस्करण पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है 



इसकी खेती के लिए भूमि की जरूरत नहीं होती है विश्वविद्यालय से पूर्व कल मशरूम के पावन उत्पाद बनाकर खाद्य सुरक्षा के बाद अब मौसम सुरक्षा पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक क्रियाशील है विश्वविद्यालय के लिए 12 पेटेंट एवं 14 प्रवेद लाकर विश्वविद्यालय बिहार के लिए कीर्तिमान स्थापित किया प्राकृतिक खेती शिक्षा एवं मिलेट्स की दिशा में विश्वविद्यालय बेहतर कार्य कर रही है


 इस प्रशिक्षण में गोवा से 22 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया मंच संचालन डॉक्टर कुमारी अंजली ने किया वहीं धन्यवाद ज्ञापन निदेशक अनुसंधान डॉ अनिल कुमार सिंह ने किया मौके पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता निदेशक वैज्ञानिक कर्मचारी सहित अन्य प्रशिक्षण आर्थिक शामिल थे

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