मां का दूध होता है सबसे बड़ा पोषक, यह प्राकृतिक उपहार है: डॉ मुख़र्जी। Samastipur News

 झुन्नू बाबा 


समस्तीपुर ! मां का दूध सबसे पोषक  है। यह एक प्राकृतिक उपहार है जो मां और बच्चे, दोनों को कई तरह की बीमारियों से बचाता है। ब्रेस्टफीडिंग से जहां बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ती है, वहीं, मां में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है। 



रविवार को  शहर के आईएमए भवन में WHO  के साथ डॉक्टरों ने विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत कार्यशाला का आयोजन किया।  कार्यशाला के दौरान यह बात शहर के जाने-माने चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर सोमेंदु मुखर्जी ने कही। 


उन्होंने कहा कि जितने लोग शिक्षित होते जा रहे हैं बच्चों को दूध पिलाने का प्रतिशत घटता जा रहा है। WHO का आकड़ा बताता है कि 100 में से 55 महिलाएं ही अपने बच्चों को संपूर्ण स्तनपान करा रही है जिससे बच्चे कमजोर होते जा रहे हैं। 


स्तनपान कराने में कोई खराबी नहीं है प्रत्येक माता को बच्चों का संपूर्ण स्तनपान कराना चाहिए।बच्चे को 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध पिलाना चाहिए! इस मौके पर मौका मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सरोजिनी ईश्वर ने कहा कि  ब्रेस्टफीडिंग के कई फायदे हैं। 


प्रेग्नेंसी के बाद अक्सर महिलाओं का वजन बढ़ जाता है। लेकिन बच्चे को दूध पिलाने पर उनका वजन तेजी से कम होता है। उन्होंने कहा कि ब्रेस्टफीडिंग महिला को ब्रेस्ट कैंसर से बचाता है। यही नहीं उन्हें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और दिल के रोग से भी सुरक्षित रखता है।


 उन्होंने कहा कि मां का दूध बच्चो को भी फायदा करता है। इससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, उन्हें पेट का इन्फेक्शन नहीं होता। भविष्य में अस्थमा और मोटापा भी परेशान नहीं करता।


 इस सेमिनार को डॉ सुरेंद्र मुखर्जी के अलावा चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर निलेश कुमार, डॉ निशांत कुमार, डा स्मिता झा ,डॉ एके कंचन ,डॉक्टर श्यामली सिंह ,डॉ पुष्पा रानी, डॉक्टर सुशांत कुमार, डॉ बृजेश कुमार, डॉ चंद्रायणी आदि बड़ी संख्या में शहर के जाने-माने चाइल्ड स्पेशलिस्ट और स्त्री रोग विशेषज्ञों ने इस मौके पर अपनी बातें रखते हुए सभी मां को प्रसव के तुरंत बाद अपना दूध नवजात को पिलाने का अनुरोध किया ताकि बच्चों में इम्यूनिटी पावर विकसित हो। 


मां का दूध एक संतुलित आहार है जो बच्चों को सभी रोगों से बचाता है बच्चों को तंदुरुस्त रखता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ निशांत कुमार ने किया। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता डा सोमेंदु मुखर्जी और नितेश कुमार ने संयुक्त रूप से की।

Previous Post Next Post