Bihar Bhumi Jankari: सरकारी जमीन पर बना लिया पक्का मकान, तो जान लीजिए भूमि सर्वेक्षण के दौरान क्या होगा उन लोगों का।

 बिहार सरकार में राजस्व विभाग के मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल की अगर बात मानें, तो 130 साल बाद नीतीश सरकार की पहल से बिहार में भूमि सर्वे कराया जा रहा है और इससे लोगों को अपनी जमीन की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। 


जमीन मालिक का भी पता चलेगा। साथ ही सरकार को अपनी जमीन के बारे में भी जानकारी मिल जायेगा। सरकार को इस बात की खबर है कि हजारों एकड़ सरकारी जमीन उसकी बिहार में है। उस जमीन पर कई लोगों ने अवैध कब्जा जमा रखा है।



 उसके अलावा उस जमीन का कागज बनाकर जमीन अपने नाम करा लिया है। गांव में कई लोगों ने बड़े-बड़े मकान सरकारी जमीन पर ही खड़ा कर लिया है और उसके बारे में सरकार को जानकारी नहीं है। अब सवाल उठता यह है कि सरकारी जमीन पर मकान खड़े करने वालों का इस सर्वे में क्या होगा?


अतिक्रमण मुक्त होगी सरकार की जमीन

ध्यान रहे कि भू-सर्वेक्षण को लेकर बिहार सरकार अब पूरी तरह सक्रिय है। बिहार सरकार की ओर से अधिकारियों को इस काम में लगाया गया है। जमीन के मालिक अपना कागजात दुरुस्त करने में लगे हुए हैं।


 सरकारी जमीन को लेकर विभाग पूरी तरह सख्त है। बिहार सरकार का उद्देश्य है कि इसी बहाने उसके खाते में कितनी जमीन है, उसके बारे में भी पता चल जाएगा। जो लोग सरकारी जमीन को अपनी निजी संपत्ति समझकर कब्जा किए हुए हैं, 


सर्वे के बाद उनकी परेशानी में काफी इजाफा हो सकता है। विभाग की ओर से सरकारी जमीन वाले गांव को चिन्हित करने का काम जारी है। उसकी रिपोर्ट बहुत जल्द सरकार को सौंप दी जाएगी।


सरकार की तैयारी पूरी

भूमि राजस्व विभाग और इससे जुड़े पदाधिकारियों का ये कहना है कि सरकारी जमीन पर यदि किसी ग्रामीण ने कब्जा कर लिया है। उससे पहले कागजात की मांग की जाएगी। उसके बाद उस कागजात के वैद्यता की जांच की जाएगी। 


यदि कब्जा करने वाले रैयत की ओर से वैद्य कागजात नहीं दिखाए जाते हैं। टाल मटोल किया जाता है। खाता-खेसरा के साथ उस जमीन की रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी।


 उसके बाद यदि कोई फर्जी कागज दिखाकर किसी को गुमराह करने की कोशिश करता है, तो उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने इसका पूरी तरह मन बना लिया है। इससे संबंधित आदेश भी अधिकारियों को दे दिए गए हैं।


सरकारी जमीन से कब्जा हटेगा

विभाग में तैनात सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के मुताबिक गांव में कौन-कौन खाता-खेसरा नंबर सरकारी जमीन का है, उसकी पूरी रिपोर्ट अंचल कार्यालय और विभाग के वरीय पदाधिकारियों को भेजने का निर्देश पहले ही दे दिया गया है।


 विभाग के निर्देशानुसार आगे की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। जब गांव में सर्वे होंगे तो, उसके बाद जैसे ही सरकारी जमीन का पता चलेगा। तब उसकी जांच सीओ करेंगे। 


सभी पंचायतों में मौजूद सरकारी जमीन की पैमाइश कराई जाएगी और इससे पूर्व जब कभी जिला प्रशासन के पास शिकायत और विवाद की बात सामने आती थी, तब सरकारी जमीन की मापी कराई जाती थी।


 अब ऐसा नहीं है। अब विभाग इस पर खुद ही एक्शन लेकर इसका सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगा और जमीन को खाली कराया जाएगा।


वंशावली होगी जरूरी

ध्यान रहे कि गांव के सरकारी जमीन का प्रयोग सरकार अपने हिसाब से करेगी। उसे पंचायत के हवाले किया जा सकता है। वैसी जमीन पर किसी भी सरकारी योजना के तहत निर्माण कार्य भी कराए जा सकते हैं।

 सर्वे रिपोर्ट तैयार होने के बाद सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। सरकारी जमीन पर घर बनाने वालों के घर को तोड़ा भी जा सकता है। ध्यान रहे कि इसके लिए भू स्वामी को वैद्य कागजात दिखाने होंगे। 

वंशावली इसमें मुख्य भूमिका निभाने जा रही है। वंशावली के अनुसार ही जमीन की पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। रैयती जमीन में जो बंटवारा और खरीद बिक्री हुई है। उसके आधार पर खतियान तैयार किया जाएगा। इसके लिए वंशावली अति आवश्यक है। सभी को निर्देश दिया गया है कि वंशावली तैयार करवा लें।

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