झुन्नू बाबा
• कर्पूरी ठाकुर नहीं चाहते थे बेटा राजनीति में आए, लालू यादव ने बनाया एमएलसी
समस्तीपुर ! राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर, मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री बनाये जाने से ज़िले में खुशी की लहर दौड़ गयी है। बिहार की राजनीति में रामनाथ ठाकुर जाना पहचाना नाम है। रामनाथ ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित कर्पूरी ठाकुर के पुत्र हैं।
कर्पूरी ठाकुर जब तक राजनीति में रहें, अपने बेटे को पॉलिटिक्स से दूर रखा। आइए जानते हैं रामनाथ ठाकुर के बारे में! रामनाथ ठाकुर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते हैं। 3 मार्च 1950 को जन्मे रामनाथ ठाकुर की मां फुलेश्वरी देवी गृहणी थीं।
यह दो भाई हैं। बड़े भाई डॉ. विरेंद्र ठाकुर बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर थे। इनकी एक बहन रेणु देवी थीं, जिनका स्वर्गवास हो चुका है। कर्पूरी ठाकुर रामनाथ ठाकुर को राजनीति से दूर रखना चाहते थे। इस कारण इन्हें रोसड़ा के एरौत गांव में प्राइमरी शिक्षा के लिए भेजा गया। मैट्रिक इन्होंने मोहिउद्ददीननगर के हाई स्कूल से किया।
इंटर इन्होंने पिता के द्वारा स्थापित जीकेपी कॉलेज कर्पूरीग्राम से किया। वर्ष 1973 में समस्तीपुर की ही आशा देवी से रामनाथ ठाकुर की शादी हुई। रामनाथ ठाकुर की तीन पुत्रियां नमिता कुमारी (बीएसी) स्नेहा कुमारी (पीएचडी) और अमृता कुमारी (बीएसी) हैं। स्नेहा अभी कर्पूरी ठाकुर द्वारा स्थापित जीकेपी कॉलेज की प्रिंसिपल हैं।
वर्ष 2020 में उनकी पत्नी आशा देवी की लंबी बीमारी में मौत हहो गई! 1988 में कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 1989 व 1995 में रामनाथ ठाकुर को एमएलसी बनाया गया। लालू सरकार में वह मंत्री भी रहे। फिर उन्होंने लालू का साथ छोड़ नीतीश का दामन पकड़ा। इसके बाद दो बार विधायक और नीतीश कैबिनट में मंत्री के रूप में कार्य किया।
तीसरी बार विधानसभा चुनाव में वो राजद के युवा नेता अख्तरुल इस्लाम शाहीन से हार गए। इसके बाद रामनाथ ठाकुर को नीतीश कुमार ने राज्यसभा भेजा। कारोबार के नाम पर इनके पास खेतीबारी है। रामनाथ ठाकुर के पड़ोसी और बचपन के मित्र श्याम
बिहारी सिंह बताते हैं कि रामनाथ ठाकुर पढ़ने में समान्य थे। हालांकि वह मिलनसार व्यवहार के थे। किसी से झगड़ा नहीं होता था। जवानी में भी किसी से झगड़ा नहीं किया। ग्रामीण व मित्र मुनेश्वर सिंह ने बताया कि कर्पूरी ठाकुर की मौत के बाद लालू प्रसाद ने उन्हें एमएलसी बनाया। उद्योग मंत्री भी बनाया। पढने लिखने में समान्य थे। गांव के लोगों से व्यवहार अच्छा था। रामनाथ ने गांव के लिए कई अहम कार्य किया है। पितौझिया स्टेशन का नाम बदल कर कर्पूरी ग्राम कराया, रैक प्वाइंट लाया। गांव में एसबीआई बैंक की शाखा खोली गई। पानी टंकी और बिजली सब स्टेशन बनवाया। ग्रामीण व मित्र अरुण कुमार सिंह ने बताया कि कर्पूरी ठाकुर वंशवाद के विरोधी थे। जिस कारण वह नहीं चाहते थे कि उनके साथ उनका परिवार राजनीति में आए। अपने जीते जी उन्होंने रामनाथ ठाकुर को राजनीति से दूर रखा।मोदी मंत्रिमंडल में रामनाथ ठाकुर को शामिल करने पर ज़िले में खुशी की लहर दौड़ गयी है!