झुन्नू बाबा
• छुट्टी में कटौती के विरोध में आंदोलित टीचर्स, काला बिल्ला लगाकर कर रहे काम
समस्तीपुर ! बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले करीब 2600 स्कूलों के टीचर्स ने शुक्रवार से आंदोलन शुरू कर दिया। शिक्षा विभाग द्वारा लाई गई नई नियमावली में गर्मी की छुट्टी को समाप्त करने, स्कूल के समय सारणी में परिवर्तन करने का विरोध कर रहे थे।
आंदोलन के पहले चरण में जिले भर के शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर वर्ग का संचालन किया। शिक्षक नेताओं का कहना है कि टीचर्स के साथ विभाग अमानवीय व्यवहार कर रही है। छुट्टी खत्म कर टीचर्स को परेशान किया जा रहा है। खासकर महिला शिक्षक ज्यादा परेशान हैं।
शिक्षकों को किसी भी कीमत में सुबह 6 बजे रिपोर्ट करना है। 6 बजकर 5 मिनट से पहले ऑनलाइन फोटो डालना है। नहीं तो उन्हें गैरमौजूद माना जाएगा। वेतन की कटौती की जाएगी।
जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव अनिल कुमार ने बताया कि शिक्षकों का सरकार से समझौता के तहत 60 दिनों की छुट्टी तय है। लेकिन इस साल 15 अप्रैल से 15 मई तक सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टी घोषित कर दी गई।
लेकिन इस छुट्टी के दौरान सुबह 8 से 10 बजे विशनदक्ष का संचालन किया गया। इसमें पढ़ने में कमजोर बच्चे और स्वेक्षा से स्कूल आने वाले बच्चों को पढ़ाना था। लगातार स्कूलों का संचालन हुआ।
एमडीएम भी बना लेकिन सरकार की नजर में गर्मी की छुट्टी थी। पर्व त्योहार की छुट्टी भी काट दी गई। उन्होंने कहा कि गर्मी छुट्टी खत्म होने के बाद 16 मई से जब स्कूल को खोला गया है तो नई समयसारिणी के अनुसार सुबह 6 बजे से स्कूल शुरू होगा। 12 बजे बच्चों की छुट्टी होगी। शिक्षकों को डेढ़ बजे तक रहना है।प्रिंसिपल को 2.30 बजे वीसी के बाद छुट्टी होगी। यह अमानवीय स्थिति है। स्कूल में बच्चों की उपस्थिति 90 फीसदी करना है। लेकिन बच्चे स्कूल नहीं आ पाते !
उन्होंने कहा सरकार इस अमानवीय पहलू को बदल कर पुरानी पद्यात्ति पर स्कूलों का संचालन करें। नहीं तो आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज किया जाएगा। सरकार नहीं मानी तो स्कूल में पूर्ण तालाबंदी की जाएगी। इस मौके पर जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनंत कुमार राय, वरीय उपाध्यक्ष अखिलेश ठाकुर, संजीव कुमार जायसवाल, उपाध्यक्ष माखन झा, राम चंद्र महतो प्रधान सचिव अनिल कुमार, उप प्रधान सचिव रणवीर कुमार राय, रमेश रजक, सचिव विजय कुमार प्रसाद, फ़िरदौस आलम, सिकंदर बिहारी, कोषाध्यक्ष अरविंद कुमार एवं अंकेक्षक दिलीप कुमार आदि शामिल हुए।