लापरवाह पुलिस का कारनामा: केस दर्ज की मार्च 2024 में, हस्ताक्षर किया अप्रैल 2024 में ! Samastipur News

 झुन्नू बाबा 


•समस्तीपुर पुलिस के थानाध्यक्ष अपनी उल्टी-सीधी हरकतों के कारण अक्सर चर्चा में रहते हैं। कभी लूट जैसी बड़ी घटना की चोरी में एफआईआर करते हैं। कभी एफआईआर में घटनास्थल ही बदल देते हैं। तो कभी अभियुक्त के पकड़े जाने के बाद घटना की एफआईआर दर्ज करते हैं। जब इस तरह के मामले किसी माध्यम से मीडिया तक पहुंचती है, तब यह वरीय अधिकारियों के संज्ञान में आता है।



 इस तरह का ही एक नया मामला सामने आया है। जो वारिसनगर थाना का बताया जा रहा है। मामला तो छोटा मोटा ही है, लेकिन थानाध्यक्ष ने लापरवाही बहुत बड़ी की है। बताया जाता है कि मारपीट मामले से सम्बंधित एक कांड (76/24) 14 मार्च 2023 को वारिसनगर थाना में दर्ज की गयी है। जिसमें थानाध्यक्ष ने 14 अप्रैल 2024 के डेट में अपना हस्ताक्षर किया है। 


अब बताइये 14 अप्रैल 2024 को वे थानाध्यक्ष रहेंगे या नहीं रहेंगे इसकी गारंटी तो है नहीं, लेकिन उन्होंने अपना हस्ताक्षर आने वाले 14 अप्रैल 2024 की तिथि में कर दिया है। वैसे तो इसे मानवीय भूल की संज्ञा ही दी जायेगी, क्योंकि इसके पीछे थानाध्यक्ष की कोई गलत मंशा परिलक्षित नहीं हो रही है, लेकिन कितनी आश्चर्य की बात है कि थानाध्यक्ष के इस गलती पर किसी ने ध्यान तक नहीं दिया। अब तो वह एफआईआर ऑनलाइन भी हो चुका है। अब उसमें अब तो वह एफआईआर ऑनलाइन भी हो चुका है। अब उसमें सुधार होगा या नहीं यह तो विभागीय अधिकारी जानें, लेकिन इस तरह की लापरवाही से पुलिस के अधिकारियों को बचने की जरूरत है। क्योंकि उनकी इन लापरवाहियों के कारण पूरे विभाग की छवि खराब होती है। अब आप ही बताइए साहब! अपराधियों पर शिकंजा कसने और अपराध पर लगाम लगाने के बजाय घटना को झूठा बताने, उसे छोटा बता कर उन पर पर्दा डालने, लूट, छिनतई एवं रंगदारी जैसी बड़ी घटनाओं में भी केस दर्ज करने में आनाकानी करने से पुलिसिंग में कैसे सुधार आएगा?

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