कृषि मनुष्य के जीवन का मूल आधार है: विजय कुमार सिन्हा। Samastipur News, Kisan Mela 2024, Pusa Agriculture


180 स्टाॅलों से सजे किसान मेला 2024 का हुआ भव्य शुभारंभ


               ( झुन्नू बाबा )


समस्तीपुर। शनिवार को जिले के पूसा स्थित डाॅ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय परिसर में किसान मेला का भव्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि बिहार सरकार में उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने राज्य सभा सांसद रामनाथ ठाकुर, विधान पार्षद डाॅ तरुण कुमार, विधायक रोसड़ा विरेन्द्र कुमार की मौजूदगी में फीता काट कर किसान मेला 2024 का उद्घाटन किया। तदुपरान्त मेले के थीम खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर पर आधारित विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा लगाये गये स्टाॅल सहित विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने साथ चल रहे कुलपति एवं निदेशक प्रसार शिक्षा से विभिन्न उत्पादों, व प्रयोगों के बारे में जानकारी ली।

 स्टाॅल निरीक्षण के उपरांत किसान मेला के मुख्य आकर्षण किसान गोष्ठी का दीप जला कर उद्घाटन और अतिथियों का शाॅल, अंगवस्त्र, एवं स्मृति चिन्ह से अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री सिन्हा ने किसान हित में विश्वविद्यालय के द्वारा किए जा रहे कृषि अनुसंधानों की प्रषंसा करते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन एवं वैज्ञानिकों को को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी।

 उप मुख्यमंत्री ने मंच से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि को जीवन का मूल आधार बताया और इस क्षेत्र में हो रहे आधुनिकीकरण तथा शैक्षणिक स्तर पर के अनुसंधानों की सराहना ही नहीं की बल्कि प्रदेश के युवाओं में कृषि के प्रति बढ़ रही रुचि को भी उत्साहवर्धक बताते हुए इसकी सराहना की। 


उप मुख्यमंत्री ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किसानों के हित में किये जा रहे अनेक पहलों की चर्चा करते हुए उनके अनुसार देश की चार जातियों यथा गरीब, किसान, युवा और महिला का भी उल्लेख किया। उप मुख्यमंत्री ने मंच से पूसा विश्वविद्यालय छात्रों को भी प्राकृतिक खेती तथा ऑर्गेनिक खेती की ओर उनकी बढ़ती रुचि के लिए प्रोत्साहित किया। कृषि क्षेत्र में गाँवों में होने वाली खेती को प्राथमिकता देने तथा शोध कर रहे छात्रों को एक-एक गाँव गोद लेकर किसानों को हर स्तर पर शिक्षित करने की बात पर जोड़ देते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कराया और कहा कि अनुसंधन किसानों की समस्या पर आधारित होना चाहिए।

 इसके लिए वैज्ञानिकों व छात्रों को किसानों के बीच जाने की जरूरत है। उन्होंने बल देकर कहा कि आपका ज्ञान और किसानों के अनुभव को मिला कर जो अनुसंधान होगा वह निश्चित ही किसानों और देश के कृषि की तस्वीर को बदल कर रख देगा। किसानों की आय बढाने में भी इसकी उपयोगिता बताते हुए श्री सिन्हां ने कहा कि आधुनिक तकनीकों व उपकरणों की मदद से लागत कम करके ही किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है। इसलिए अनुसंधान किसानों की जरूरत के मुताबिक होना चाहिए। इसके पुर्व निदेशक प्रसार शिक्षा डाॅ एमएस कुंडू ने आगत अतिथियों का स्वागत और विषय प्रवेष कराते हुए कहा कि इस वर्ष इस मेले में देश भर से कृषि उत्पादों के निर्माता एवं विक्रेताओं के 180 स्टाॅल लगाये गये हैं, करीब 20 कम्पनियों को हम स्टाॅल नहीं दे पाये। यदि मंत्री जी का सहयोग मिले तो हम अगले वर्ष करीब 300 स्टाॅल लगा सकते हैं। स्टाॅलों की संख्या बढने से किसानों को अधिक विकल्प एवं जानकारी मिलेगी। विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ पीएस पाण्डेय ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों से उप मुख्यमंत्री एवं अतिथियों को अवगत कराते हुए बताया कि हमने 10 उत्पादों का पेटेंट और एक जिओ टैग प्राप्त किया है। खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर कदम बढाते हुए हमने ड्राॅप मोर क्राॅप पर अनुसंधान की दिशा केन्द्रित की है। प्राकृतिक खेती और आॅर्गेनिक खेती हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है। डिजीटल कृषि को लेकर यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख केन्द्र के रूप में उभरा है। इस क्रम में हमने नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार की 31 महिलाओं एवं 50 पुरूष ड्रोन पायलट तैयार किए हैं। कार्यक्रम के दौरान राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर, विधान परिषद सदस्य डॉ. तरुण कुमार , विधायक वीरेंद्र कुमार पासवान, भाजपा नेता राम सुमरन सिंह, शशिकांत आंनद,शैलेन्द्र सिंह, विमला सिंह, प्रभात कुमार ठाकुर, कौशल पांडेय, आदित्य कुमार, रंजीत कुमार शर्मा, सुशील मालाकार के अलावा सूचना प्रदाधिकारी डाॅ कुमार राज्य वर्धन सहित सभी डीन, डायरेक्टर एवं विष्वविद्यालय कर्मी एवं छात्र-छात्रायें मौजूद थे।

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