झुन्नू बाबा
समस्तीपुर ! राष्ट्रीय जनता दल के जिला प्रवक्ता संजय नायक ने महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार के इस्तीफा के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश कुमार का जूगनू अब मिटने वाला है. नीतीश कुमार बिहार के वो जूगनू हैं जो अमावस्या के रात में चमकते हैं और जनता को सूरज होने का एहसास कराकर अपनी सत्ता आज तक नैतिक अनैतिक रूप से कायम किये हुये हैं. बिहार का दुर्भाग्य है कि नीतीश कुमार ने बिहार की राजनिती में जो निर्लज्जता का प्रतिमान कायम किया हुआ है, उसका दिन अब पूरा होने वाला है.
नीतीश कुमार का सुशासन बाबू का बनाया हुआ चेहरा का नकाब अब पूरी तरह से अनैतिकता के कीचड़ में डूब गया है. दो अलग-अलग धुरी के आपसी लडाई में अब तक बंदर का रोल निभाकर सत्ता की मलाई खाने का समय खतम होता दिखाई दे रहा है. बंदर बहुत गुलाटी मार लिया अब और नहीं . सामाजिक न्याय के खाल में सांप्रदायिक ताकतों को मजबूत करके सुशासन बाबू जो बने हुये था , अब चेहरे से नकाब पूरी तरह से उतर चुका है.प्रवक्ता संजय नायक ने इस बात पर भी जोर देते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर को बीजेपी ने भारत रत्न देकर नीतीश के अति पिछड़े आधार को चुनौती दे दी है तो दूसरी तरफ नीतीश के विधायकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि नीतीश कुमार ऐसा क्यों कर रहे हैं या उनकी राजनीति पर उनका उम्र और दिमाग साथ छोड़ रहा है. नीतीश जी की स्थिति भई गति सांप छछूंदर वाली हो गई है. "इस जनम में कभी भी बीजेपी में अब नहीं जाऊँगा" का बयान उनके ही गले का हड्डी बनकर खड़ा है. अपने थूके को चाटने का जो संदेश आ रहा है, वह बिहार की राजनिती का सबसे घिनोना चेहरा बनकर सामने है. तेजस्वी ने राज्यपाल से समय मांगा है और नीतीश कुमार को सदन में बहुमत साधने की चुनौती पेश किया है. आगे आगे देखते जाईये...नीतीश के लोभ और अनैतिक राजनिती का चेहरा पूरी तरह उजागरहो चुका है !