समस्तीपुर: विश्व एड्स दिवस,हर साल बढ़ रहा एचआईवी मरीजो की संख्या। Samastipur News


कई सालों से रेड जोन में चल रहा समस्तीपुर,


                  ( झुन्नू बाबा )


समस्तीपुर। एक दिसंबर को प्रतिवर्ष विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। एड्स व एचआईवी के प्रति लोगों को जागरुक के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम एवं अभियान चलाया जा रहा है। इसके बावजूद प्रतिवर्ष एचआईवी पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसके कारण पिछले कई वर्षों से समस्तीपुर जिला रेड जोन में पहुंच चुका है। नतीजन जागरूकता अभियान पर भी सवाल उठना लाजमी है। जागरुकता की कमी के कारण लगातार एचआईवी मरीजों की संख्या बढ़ने से स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। विडंबना यह है कि जिले में किशोर-किशोरी एवं युवक- युवती भी अब इसके चपेट में आने लगे हैं।


स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में एचआईवी पीड़ितों की संख्या चार हजार के पार है। जबकि केवल समस्तीपुर एआरटी सेंटर में 35 सौ से अधिक एचआईवी पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इसमें लगभग 1765 पुरुष, 1525 महिला, 150 लड़का एवं 80 लड़कियां एचआईवी पीड़ित हैं। यहां तक की जिले के दो थर्ड जेंडर भी एड़स से पीड़ित मिले हैं। समस्तीपुर जिले में सदर अस्पताल में संस्थागत प्रसव के दौरान आने वाली महिलाओं में 35 गर्भवति भी एचआईवी संक्रमित पायी गयी। अक्टूबर महीने तक करायी गयी जांच पड़ताल में 35 गर्भवति की जांच पड़ताल के बाद उसकी समुचित देखभाल की जा रही है। साथ ही प्रसव के समय भर्ती होने पर अस्पताल को सूचित करने का भी निर्देश दिया है।

सदर अनुमंडल के एक गांव में एक ही परिवार के चार लोग एड्स पीड़ित हैं। इस संबंध में एड्स पीड़ित ने बताया कि वो लोग मुजफ्फरपुर एआरटी सेंटर से इलाजरत हैं। उसने बताया कि वह शादी के बाद मुंबई में नौकरी करने गया। इसी दौरान गलत संगत में आ गया। जिसके कारण घर लौटने पर उसकी पत्नी भी संक्रमित हो गयी। गर्भ में बच्चा होने के कारण बच्चा भी संक्रमित हो गया। दूसरे वर्ष दूसरे बच्चे का जन्म हुआ। जिसके बाद उसकी पत्नी की स्थिति खराब हो गयी। जिसमें जांच के दौरान उसकी पत्नी एचआईवी पीड़ित मिली। जब उसका व दोनों बच्चों का जांच कराया गया तो सभी लोग एचआईवी पीड़ित पाए गए। 

किस वर्ष मिला कितना एचआईवी पीड़ितः वित्तिय वर्ष - पुरुष - महिला 2023-24-165 110 2022-23-198-145 2021-22-203-135 2019-20220-170 2018-19-280-199 2017-18-245 2016-17-225 192 155,सदर अस्पताल के एआरटी सेंटर में संचालित आईसीटीसी में कई

वर्षों से काउंसेलर नहीं है। जिसके कारण लैब टेक्नीशियन के

द्वारा ही कार्य किया जा रहा है। वहीं पीपीटीसी में काउंसलर हैं तो

लैब टेक्नीशियन नहीं है। जिसके कारण पीपीटीसी में आने वाले

मरीजों का जांच भी आईसीटीसी के लैब टेक्नीशियन के द्वारा किया जाता है।

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