समस्तीपुर की आवो हवा हुई खराब, 320 के स्तर पर पहुंची। Samastipur News, Air Quality Samastipur

झुन्नू बाबा 

• समस्तीपुर की हवा का स्तर, डीएम ने दिया अधिकारियों को निर्देश

समस्तीपुर। डीएम योगेंद्र सिंह के द्वारा पराली जलाए जाने, वायु प्रदूषण, वन पर्यावरण, वृक्षारोपण, जल- जीवन - हरियाली, आर्द्र भूमि विकास, चौर विकास, जैव चिकित्सा अवशिष्ट, सिंगल यूज प्लास्टिक एव गंगा समिति की समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय सभागार में की गई। समीक्षा के दौरान बताया गया कि समस्तीपुर शहर की वायु की गुणवत्ता 320 के स्तर पर पहुंच गई है। बताते चलें की वायु गुणवता सूचकांक 300 से ऊपर जाने वायु प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है।

 स्वास्थ्य की दृष्टि से वायु की यह गुणवत्ता काफी खराब है।

जिला पदाधिकारी के द्वारा समीर ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर वायु गुणवत्ता देखने की सलाह दी। ठंड के मौसम में वायु की गुणवत्ता खराब हो जाती है। वायु गुणवत्ता खराब होने से वृद्ध एव बीमार लोगों को श्वसन संबंधी समस्याएं ज्यादा परेशान करती है। जिला पदाधिकारी के द्वारा सड़क, भवन निर्माण विभाग के पदाधिकारियों इस पर करवाई करने का निर्देश दिया। निर्माणाधीन भवनों पर तिरपाल लगाने, बालू एव सीमेंट की धुलाई करते वक्त उसको ढक कर ले जाने का निर्देश दिया। अगर कोई भी वहां जिससे बालू एव सीमेंट की धुलाई की जा रही है, बिना ढके हुए पाई जायेगी तो उसको जब्त कर जुर्बाना लगाया जाएगा। वायु गुणवत्ता अधिनियम के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी | 

जिला पदाधिकारी के द्वारा सड़कों पर पानी छिड़काव का भी निर्देश नगर आयुक्त को दिया गया। सीएनजी गाड़ियों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया। वायु प्रदूषण का एक मुख्य कारण पराली जलाया जाना भी है। जिला पदाधिकारी के द्वारा किसान चौपाल में फसल अवशेष नही जलाने के संबंध में चर्चा करने का निर्देश दिया। जिला पदाधिकारी के द्वारा कृषि विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को बीज वितरित करते वक्त उनसे एक शपथ पत्र लें की वे कि वे फसल अवशेष नही जलाएंगे। पराली जलाने वाले किसानों को चिन्हित करने तथा उनपर दंडात्मक करवाई करने का निर्देश कृषि पदाधिकारी को दिया गया। जिला पदाधिकारी के द्वारा जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देश दिया गया मार्गदर्शिका के अनुसार उन किसानों के धान का क्रय नही करना है, जिन्होंने खेतों में पराली जलाई हो। इस संबंध में गन्ना किसानों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया गया वृक्षारोपण के लिए मियाबंकी विधि से लगाए गए वृक्षारोपण के साइटों की समीक्षा की गई। मियाबांकी विधि से जंगल की तरह पेड़ पौधों को लगाया जाता है। जिला मत्स्य पदाधिकारी के द्वारा बताया गया की 16 नवंबर को गंगा नदी में मोहनपुर के सरारी

घाट में नदी मछली का बीज डाला जायेगा।

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