झुन्नू बाबा
समस्तीपुर ! पुर्णिया जिले में कार्यरत सर्जन डा. राजेश पासवान पर हुए जानलेवा हमले को लेकर आईएमए ने कड़ा विरोध जताया है. आईएमए बिहार ने मंगलवार को राज्य भर के डॉक्टरों से मंगलवार को काम नहीं करने का आह्वान किया है. हालांकि इससे सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं के इमरजेंसी सेवा को मुक्त रखा गया है. सरकारी अस्पताल के सिर्फ इमरजेंसी में ही डॉक्टर काम करेंगे.आईएमए अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूर्णिया जिले में हुई इस घटना की तीव्र निंदा की है. साथ ही दोषियों पर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
कहा गया है कि पुर्णिया जिले में कार्यरत सर्जन डा. राजेश पासवान पर पुलिस की उपस्थिति में 18 नवम्बर को जानलेवा हमला किया गया था. यह घटना कहीं से भी क्षम्य नहीं है. आईएमए ने सभी दोषियों पर बिहार चिकित्सीय संस्थान एवं व्यक्ति सुरक्षा नियमावली 2018 के अंतर्गत तुरंत सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
साथ ही बिहार चिकित्सीय संस्थान एवं व्यक्ति सुरक्षा कानून 2011 में इपिडिमिक डिजीज (संशोधन) कानून 2020 के प्रावधानों को भी अविलंब अर्न्तनिहित करने की मांग की है, ताकि चिकित्सा संस्थानों एवं चिकित्सकों के विरूद्ध हो रही हिंसा की घटना पर प्रभावी तरीके से रोक लग सके!आईएमए ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि इस तरह की घटनाओं को लेकर आई.एम.ए. बिहार का प्रतिनिधिमंडल पिछले दो वर्षों में कई बार स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से मिलकर अनुरोध कर चुका है, परंतु विभाग द्वारा बार-बार केवल आश्वासन दिया जा रहा है. अभी तक सरकार ने इसपर कोई निर्णय नहीं लिया है
पूर्णिया में एक बार फिर डॉक्टर पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में दिनांक 21.11.2023 (मंगलवार) को राज्य के सभी चिकित्सीय संस्थानों में सरकारी अस्पतालों के इमरजेन्सी सेवा को छोड़कर आईएमए ने काम बंद रखने का निर्णय लिया है. इसके बाद बुधवार की संध्या बिहार आई.एम.ए. के एक्शन कमिटी की विस्तारित बैठक बुलायी गयी है. जिसमें आगे की कार्रवाई तय की जायेगी !