झुन्नू बाबा
समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर थाना क्षेत्र में दो अलग-अलग घटनाओं में गंगा नदी में डूबने से एक किशोर व दो बच्चों की मौत हो गयी। पहली घटना बोचहा गांव के पास रिंग बांध के पास की है। मृतक इसी थाने के परसिया गांव के ठगन महतो का पुत्र अनिल महतो (32 वर्ष) बताया गया है। घटना के बाद जुटे स्थानीय ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद शव को गंगा नदी से बाहर निकाला। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा है।
घटना के संबंध में बताया गया है कि अनिल अपने कुछ मित्रों के साथ बोचहा गांव में रिंग बांध के पास गंगा नदी में स्नान करने के लिए गया था। इसी दौरान वह गहरे पानी में चला गया जिसके बाद वह बाहर नहीं निकल सका। इसके बाद डूबकर उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी पर जुटे ग्रामीणों ने करीब 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मृतक के शव को गंगा नदी से बाहर निकाला। इसके बाद परिजन उसे मोहिउद्दीन नगर पीएससी लेकर गये वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए समस्तीपुर सदर अस्पताल भेज दिया। समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर दियारा गांव में गंगा नदी की आई बाढ़ के पानी में डूब कर भी दो की मौत हो गई। मृतक की पहचान सुल्तानपुर गांव के रंजीत सिंह के 14 वर्षीय पुत्र संस्कार कुमार उर्फ आर्यन और इसी गांव के राजकुमार राय के 10 वर्षीय पुत्र मंगल कुमार के रूप में की गई है। घटना की सूचना के बाद परिवारिक सदस्यों के बीच कोहराम मचा हुआ है। जानकारी मिलते ही मोहिउद्दीननगर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है। घटना के संबंध में बताया गया है कि गंगा नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि के कारण दियारा इलाके के निचले क्षेत्र में गंगा नदी का पानी भर गया है। तीसरे पहर सुल्तानपुर गांव के मंगल कुमार, संस्कार उर्फ आर्यन एवं एक अन्य बच्चा घर के पास ही गंगा नदी के पानी में स्नान करने लगे। लोगों ने बताया कि इसी दौरान मंगल डूबने लगा। डूब रहे मंगल को देख संस्कार उर्फ आर्यन उसे बचाने के लिए आगे बढ़ा तो वह भी पानी में डूब गया। इस दौरान तीसरे बच्चे ने शोर मचाते हुए घर में जाकर जानकारी दी। हालांकि जब तक गांव से लोग दौड़कर पहुंचे तब तक दोनों बच्चे की डूबकर मौत हो गई थी। बाद में लोगों ने करीब 1 घंटे के प्रयास के बाद दोनों का शव बाहर निकाला। बताया गया है कि संस्कार और मंगल अपने -अपने घर का इकलौता संतान था। दोनों की मौत के बाद दोनो के घर का चिराग बुझ गया। संस्कार और मंगल दोनों के पिता पंजाब में रहकर मजदूरी करते हैं। उसकी मां घर पर रहकर खेतीबारी देखती है। इस घटना के बाद दोनों परिवार के बीच कोहराम मचा हुआ है परिवारिक सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है।