झुन्नू बाबा
समस्तीपुर। बरसात के आने के साथ ही जिले में डेंगू का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। फिलहाल सदर अस्पताल में एक डेंगू पीड़ित किशोर इलाजरत है। सदर अस्पताल में डेंगू वार्ड के नहीं बनने के कारण इमरजेंसी वार्ड में ही डेंगू पीड़ित मरीज को भर्ती किया गया है। डेंगू पीड़ित मरीज दलसिंहसराय थाना के गौसपुर के वीरेंद्र कुमार सिंह के पुत्र विकास कुमार बताया गया है।
परिजनों ने बताया कि बुखार होने पर दलसिंहसराय अस्पताल में इलाज कराया गया।
वहां जांच के दौरान डेंगू पाया गया। जिसके बाद मरीज को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। मरीज के परिजनों का कहना है कि यहां समुचित इलाज नहीं किया जाता है। जिसके कारण मरीज को सुधार होने में समय लग रहा है। हालांकि ऑन ड्यूटी चिकित्सक डॉ. संतोष कुमार झा ने कहा कि मरीज का समुचित ख्याल रखा जा रहा है। जो भी शिफ्ट में डॉक्टर आते हैं, बच्चे को एक बार जरुर देखते हैं। बरसात के आने के साथ ही जिले में डेंगू मरीज के मिलने की संभावना को देखते हुए डीएमओ डॉ. विजय कुमार एवं एमओ डॉ. मनीष कुमार को पटना में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण में भेजा गया है। जहां राज्य के सभी जिले के चिकित्सकों को डेंगू नियंत्रण को लेकर विशेष तैयारी करने एवं इलाज की समुचित व्यवस्था के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। घर एवं आसपास पानी जमा नहीं होने दें एवं साफ-सफाई का ध्यान रखें। डीएमओ डॉ. विजय कुमार ने बताया कि यह बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दिन में ही काटता है और स्थिर पानी में पनपता है। इस लिए पानी से भरे सामानों में, खुली पानी की टंकी में, कचरों के पानी में, गमलों में, बेकार पड़े टायरों में, पानी भरे गढ्ढों में, नारियल के खोलों में, कूलर व एसी ट्रे में पानी नहीं जमने दें। इसमें डेंगू के मच्छर के पनपने की संभावना में है। ऐसे सामानों की नियमित सफाई करते रहें एवं जमा पानी में केरोसिन डाल दें।
डीएमओ डॉ. विजय कुमार ने बताया कि तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द तथा आंखों के पीछे दर्द होना इसका लक्षण है। इसके अलावे नाक, मसूढ़ों या उल्टी के साथ रक्त स्त्राव होनो, काला पैखाना होगा, त्वचा पर लाल धब्बे एवं चकते का निशान डेंगू का गंभीर लक्षण है।