झुन्नू बाबा
समस्तीपुर ! भारत सरकार टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का उद्देश्य रखा गया है। जिसके लिए सरकार करोड़ों-अरबों रुपए की कई योजनाएं चला रही है। लेकिन समस्तीपुर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण टीबी के मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। बताते चलें कि समस्तीपुर सदर अस्पताल में कई दिनों से टीबी की दवा उपलब्ध नहीं रहने के कारण टीबी के मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार टीबी रोग से ग्रसित बच्चों को दी जाने वाली टीबी की एंटीबायोटिक दवा एथाम्बुटोल 100एमजी और रिफाम्पिसिन 75एमजी, आइसोनियाज़िड 50एमजी एवं पाइराजीनामिड 150एमजी कंबीनेशन मॉलिक्यूल की दवा के समेत सभी दवाएं पिछले कई दिनों से खत्म है। वहीं, वयस्क टीबी मरीजों को दी जाने वाली आईपी मेडिसिन व अन्य दवा भी सदर अस्पताल में खत्म है। जिस कारण जरूरतमंद मरीज सदर अस्पताल का चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं, कई जरूरतमंद मरीज बाजार से महंगे दामों पर दवा खरीदने को विवश हैं। बता दें कि उपरोक्त दोनों दवाएं एंटीबायोटिक है। जहां एथाम्बुटोल टीबी रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने के काम में आता है। वहीं रिफाम्पिसिन, आइसोनायाज़िड और पाइराजीनामिड मॉलिक्यूल कंबीनेशन की दवा इन्फेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने एवं शरीर में बैक्टीरिया बनने से रोकने के काम में आता है। इसके अलावा सदर अस्पताल में टीबी की सभी पीडियाट्रिक मेडिसिन खत्म रहने के कारण मरीजों में हाहाकार मचा हुआ है। बता दें कि मरीजों को टीबी की दवा का महीने के कोर्स के मुताबिक सेवन करना होता है। किसी कारणवश व दवा की अनुपलब्धता की वजह से दवा का सेवन नहीं करने के कारण इलाज में लंबा समय लगता है।