झुन्नू बाबा
समस्तीपुर ! 25 जून 1975 आपातकाल काला दिवस आज के ही दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा ने आपातकाल उस दौर में भारत के लोकतंत्र की हत्या का प्रयास किया। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत इस दिन को काला दिवस रूप मनाया जाता रहा है। आज भारतीय जनता पार्टी समस्तीपुर लोकसभा द्वारा आपातकाल लोकतंत्र की हत्या के प्रयास *काला दिवस* पर प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन ताजपुर रोड समस्तीपुर में आयोजित किया गया।जिसका अध्यक्षता भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक उमेश प्रसाद कुशवाहा ने किया।
संचालन भाजपा नेता मनोज जायसवाल ने किया। मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री जाले के विधायक जीवेश मिश्रा के साथ भाजपा जिला अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा,एम एल सी डाॅ तरूण कुमार सहित अन्य मंचासीन ने दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का उद्घाटन किया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री जिवेश मिश्रा जी ने कहा कि आज के दिन को हम लोग काला दिवस के रूप में मनाते है क्योंकि आज के ही दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जगमोहन लाल सिन्हा ने 1971के लोकसभा चुनाव में रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में भ्रष्ट साधन अपनाने का दोषी ठहराते हुए श्री मति इन्दिरा गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित करते हुए छह साल तक कोई चुनाव लड़ने के अयोग्य भी ठहराया गया। इन्दिरा गांधी और उनके किचन कैबिनेट के साथी नहीं चाहते थे कि हाईकोर्ट के फैसले को मानते हुए इस्तीफा दे। इन्दिरा गांधी डर कर तानाशाही की ओर बढ़ कर राष्ट्रीय आपात की घोषणा कर दी। असाधारण शक्ति प्राप्त कर विपक्षी नेता व नागरिकों का दमन आरंभ कर दिया। यह स्थिति1977 तक अर्थात 21 महीने रही। पुलिस बलों का प्रयोग कर इसके विरूद्ध आंदोलन कर रहे प्रसिद्ध नेता को बंदी बना लिया गया। नागरिकों के मौलिक अधिकार में कटौती कर बिना किसी सुनवाई के लोगों को जेल में ठूंस दिया। मिडिया पर सेंसरशिप लगा कर देश वास्तविक जानकारी से लोगों को दूर कर दिया गया। सरकार के खिलाफ आवाज दबाने हेतु सभी प्रकार के शक्तियों का किया गया। भारत के लोकतंत्र में यह काला धब्बा है। आपातकाल का मुकाबला कर देश में पुनः वापस लोकतंत्र को स्थापित किया। आपातकाल के उस भयावह दौर को भूल नहीं सकते। लोकनायक जयप्रकाश नारायण अपने गिरफ्तारी से पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नाना जी देशमुख को लोक संघर्ष समिति के जरिए आंदोलन का दायित्व सौंपा था। जनसंघ के नेता अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी सहित हजारों कार्यकर्ता को कैद कर लिया गया। आज कांग्रेस सत्ता से दूर है जब भी यह उससे दूर हो जाती है या जनता अस्वीकार कर देती है।तब लोकतंत्र का अपमान करना कांग्रेस वंशवादी स्वभाव कांग्रेस की है। फिर कांग्रेस अपने ही षड़यंत्र के खेल में उलझ जाती है। उन्होंने ने कहा कि बिहार ने आपातकाल का भयावह दौर को देखा है और भोगा है। आज आपातकाल के विरोधी कांग्रेस के गोद में बैठ गए है। बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नितीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव जेल का यातना सह चुके हैं। कभी लोकतंत्र के हत्या करी कांग्रेस के खिलाफ जयप्रकाश नारायण को आदर्श मानने वाले ये कुर्सी बचाने के लिए उनके साथ गलबहियां किये हुए हैं। ये लोग जेपी, लोहिया और कर्पूरी के गैर कांग्रेसवाद को तिलांजलि दे दी है। बिहार के लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं। सम्मेलन को भाजपा जिलाध्यक्ष उपेन्द्र कुमार कुशवाहा, एम एल सी डाॅ तरूण कुमार, लोकसभा प्रभारी रंजन गोतम, भाजपा नेता शशिकांत आनंद, विमला सिंह,प्रो विजय कुमार शर्मा, राम सुमिरन सिंह, नीलम सहनी, कैप्टन कमलेश सहनी, सत्येंद्र सिंह, प्रदीप शाह शिवे, भाजपा जिला महामंत्री कौशल पाण्डेय, भाजपा प्रवक्ता मुकेश कुमार सिंह, अनूसूचित मोर्चा जिलाध्यक्ष हीरा पासवान सहित अन्य नेता ने सम्मेलन को संबोधित किया। मंचासीन नेताओं का अभिनन्दन पाग, अंगवस्त्र व माला से सुशील चौबे, ठाकुर संग्राम सिंह, विजय शंकर ठाकुर, कृष्ण गोपाल शर्मा, आलोक वर्मा ने किया।
सम्मेलन में शलैन्द सिंह, गायत्री सिंह, अनामिका रजक, श्यामनंदन प्रसाद सिंह, विश्वनाथ चौधरी, सुशील ठाकुर सहित अन्य लोग शामिल रहे।
धन्यवाद ज्ञापन भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्री मति गीतांजलि सिंह ने किया।