झुन्नू बाबा
• वाहन चेकिंग के दौरान अधिवक्ता के दो पुत्र को पुलिस ने जमकर पीटा था
समस्तीपुर जिले के खानपुर थाना क्षेत्र में वाहन चेकिंग के दौरान दो अधिवक्ता पुत्रों की पिटाई के मामले में मानवाधिकार आयोग ने समस्तीपुर के एसपी से जवाब तलब करते हुए इस मामले में आरोपित किए गए चारों पुलिसकर्मियों के बारे में 4 सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है। बतादें की 18 अप्रैल को दिन के एक बजे सिविल कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल कुमार राय के पुत्र जय कुमार राय व अभय कुमार राय अपने घर से जरूरी कार्य को लेकर चौक पर बाइक से जि रहे थे ।
इसी बीच खानपुर थाना पुलिस की गस्ती टीम सड़क पर वाहन चेकिंग अभियान चला रही। तभी ये दोनों युवक को रोका व बाइक का पेपर दिखाने को कहा। इसी बीच दोनो युवकों ने पूछा कि पेपर जाँच हो गया तो दीजिये। इसी बात पर पुलिस पदाधिकारी इकरार फारूकी ने दोनो युवक पर थप्पड़ चला दी। जिसके युवकों ने विरोध किया तो पुलिस पदाधिकारी ने गस्ती वाहन में दोनो युवक को बैठा लिया और थाना ले गए, जहाँ दोनो को हाजत में बंद करते हुये थाना में लगी सीसीटीवी कैमरा को बंद कर चार पुलिस कर्मियों ने लाठी डंडे से जमकर पिटाई की। जिसमें दोनो युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गये। आरोप है कि घटना की सूचना पर जब परिजन थाना पहुंचे तो थानाध्यक्ष ने एक हज़ार रुपये का चालान काटकर दोनो युवक को उनके परिजन को ये धमकी देते हुये सौंपा की पिटाई की शिकायत किसी से किया तो किसी बड़े केस में फंसा कर जेल भेज देंगे। वहीं पीड़ित युवक के पिता के द्वारा इसकी शिकायत एसपी के जनता दरबार मे किया गया, जब कार्रवाई नही हुआ तो पीड़ितों ने इस घटना की शिकायत मानवाधिकार आयोग दिल्ली को की।
मानवाधिकार आयोग ने घटना का संज्ञान लेते हुये दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ चार हफ्ते में कार्रवाई कर जवाब मांगा है। वहीं पीड़ित दोनो युवक के पिता ने बताया कि दोनों पुत्रों का ईलाज़ पटना के आईजीएमइस मे चल रहा है। ईलाज़ में अब तक लाखो रुपये खर्च हो गया है।एंटी क्रिमिनल वाहन चेकिंग करने वाले पुलिस पदाधिकारियों के लिए एसपी ने साफ तौर पर आदेश जारी किया है कि वह सिर्फ एंटी क्रिमिनल वाहन चेकिंग करेंगे डिक्की में हथियारों की जांच करेंगे कमर चेक करेंगे पुलिस पदाधिकारी को वाहन के कागजात एवं अन्य यातायात नियमों से कोई लेना-देना नहीं है इसके लिए अलग से वाहन चेकिंग की जाएगी उस समय इस बात को देखा जाएगा। पीड़ित के पिता है अधिवक्ता की थी शिकायत
पीड़ितों ने युवक के पिता समस्तीपुर कोर्ट के अधिवक्ता है उन्होंने इस पूरे मामले पर मानवाधिकार आयोग से शिकायत की थी। उन्होंने पूरी घटना पर जानकारी दी है।