झुन्नू बाबा
• प्रतिबंधित दवाओं का नशे के रूप में सेवन कर रहें युवा
समस्तीपुर: जिला मुख्यालय स्थित ज्यादातर मेडिकल स्टोर्स, खांसी व एलर्जी की दवाओं की बिक्री बिना डॉक्टर के दवा पर्ची के करते हैं बिक्री जिसके कारण एक खास आयू वर्ग के युवा, दवा दुकान से मिलने वाली इस कफ सिरप, पेट दर्द की दवा, व एलर्जी की दवाओं का उपयोग नशे के रूप में कर रहे हैं। जिसके कारण इन दवा दुकानों में इन दवाओं की काफी डिमांड भी बनी हुई है। खुले बाजार में आसानी से उपलब्ध हो रहे इस दवाओं के कारण, 12 से 14 साल के बच्चे भी इसे नशे के रूप में उपयोग कर रहे हैं।
जिसका जीता जागता नमूना सदर अस्पताल के पटेल गोलंबर गेट के पास स्थित एक चाय दुकान के पास, समस्तीपुर रेलवे स्टेशन चौक स्थित शौचालय के पास देखने को मिल जाती है। जहां दर्जनों की संख्या में कफ सिरप व अन्य दवाओं की खाली बोतलें व अन्य दवाओं के रैपर फेंके हुए मिल जाते हैं। विगत 8 से 10 वर्षों में इसका प्रचलन भी काफी बढ़ गया है। बड़े पैमाने पर आजकल के युवा सर्दी, खांसी से निजात दिलाने वाले इस कफ सिरप का इस्तेमाल नशे के रूप में कर रहे हैं। जानकारों का बताना है कि, ऐसी दवाओं के सेवन करने से लगभग दो सौ मिली लीटर शराब के बराबर नशा होता है, और मुंह से शराब के जैसी दुर्गंध भी नहीं आती। जिसके कारण ऐसे लोग अपने अभिभावक व पुलिस को भी चकमा देने में कामयाब हो जाते हैं। यहां सबसे बड़ी बात तो यह है कि, मेडिकल स्टोर वाले भी इस तरह की दवाएं लेने के लिए आने वाले युवाओं को, बिना डॉक्टर की पर्ची के ही दवा दे देते हैं, जबकि ऐसा नियम है कि, किसी भी प्रकार के दवाओं का वितरण बिना डाक्टर की पर्ची के नही करना है। इस तरह का आदेश विगत माह जिलाधिकारी समस्तीपुर योगेन्द्र सिंह के द्वारा भी दी जा चुकी है, लेकिन उन आदेशों का पालन समस्तीपुर में होता नही दिख रहा है। यहां सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह भी है कि, यह धंधा सिविल सर्जन समस्तीपुर के कार्यालय से मात्र 20 मीटर की दूरी पर बदस्तूर जारी है, मगर उनका भी ध्यान इस ओर नही है, कार्रवाई तो दूर की बात है। सुत्रों का बताना है कि, जिला में 12 से 25 आयू वर्ग के युवा एक खास कफ सिरप के अलावे, एक खास प्रकार के जेल का उपयोग भी खाने वाले ब्रेड के साथ, मात्र नशे के लिए करते हैं। इस संबंध में डॉक्टर्स का कहना है कि, जिस प्रकार आजकल के युवा बिना कुछ सोचे समझे इस प्रकार के दवाओं का उपयोग, नशे के रूप में कर रहे हैं। एक समय ऐसा आएगा कि जिला में इस तरह के नशापान करने वाले बीमार युवाओं की एक फौज खड़ी हो जाएगी, और फिर इसका ईलाज करना बहूत ही मुश्किल साबित होगा, क्यों कि इस प्रकार के दवाओं के लगातार सेवन से हृदय, किडनी व लीवर पर भी इसका काफी बुरा असर पड़ता है। इसलिए संबंधित पदाधिकारी को चाहिए कि, इस तरह बिना डॉक्टर के पर्ची के दवाओं के वितरण पर अविलंब रोक लगाए, ताकि आजकल के युवाओं को इस तरह के नशापान करने से रोका जा सके। वहीं इस संबंध में जानकारी के लिए जब, जिलाधिकारी समस्तीपुर व सिविल सर्जन समस्तीपुर के सरकारी मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की गयी तो, मोबाइल पर पुरा रिंग जाने के बाद भी उन्होंने कॉल रिसीव नही किया। जिसके कारण उनका पक्ष नही जाना जा सका।