झुन्नू बाबा
समस्तीपुर। मुजफ्फरपुर जिले के बरियारपुर में बच्चेदानी के ऑपरेशन के दौरान पेशाब की नली काटने के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। समस्तीपुर शहर के निजी अस्पताल में इलाजरत मरीज जहां अस्पताल से गायब थी, वही अस्पताल के पास कोई कागजात भी नही था। इसका खुलासा समस्तीपुर सिविल सर्जन के जांच में हुआ। जब मरीज से मिलने सिविल सर्जन एसके चौधरी बुधवार की शाम निजी अस्पताल पहुंचे थे।
मोहनपुर रोड स्थित के निजी अस्पताल में मरीज के इलाज की सूचना मिलने पर समस्तीपुर सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी ने अस्पताल पहुंचकर मामले की जांच की। लेकिन वहां नो तो मरीज मिला नो ही मरीज के इलाज से संबंधित कोई कागज । वही सीएस के मांगने पर भी अस्पताल प्रबंधक के द्वारा कोई कागज नही दिखायी गयी ।
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी ने कहा पेपर में छपी खबर के आधार पर मरीज की सुध लेने वह मोहनपुर स्थित निजी अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन वहां मरीज एवं उसके परिजन नहीं मिले। अस्पताल के द्वारा उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन से कागजात मांगी गई लेकिन उसके द्वारा मरीज के इलाज किए जाने संबंधित कोई भी कागजात प्रस्तुत नहीं किया गया। मरीज के भर्ती संबंधित कोई बेड हेड टिकट (बीएचटी) भी नही था। सीएस ने बताया कि मरीज को किए गए इलाज के नाम पर अस्पताल में केवल एक रजिस्टर पर मरीज का नाम व मरीज से ली गई राशि अंकित था। सीएस ने कहा कि उस रजिस्टर का
तस्वीर लिया गया है। सिविल सर्जन ने कहा कि अस्पताल में जो भी मरीज भर्ती होता है, तो उसका बीएचटी बनता है। जिस पर मरीज को किए गए इलाज, डॉक्टरी सलाह, दवा आदि ब्यौरा उपलब्ध होता है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन के पास कोई कागजात नहीं था। इस संबंध में पहले अस्पताल प्रबंधन से स्पष्टीकरण पूछी जाएगी। स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने पर अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि सरायरंजन प्रखंड के भगवतपुर निवासी पिंकी कुमारी का बच्चेदानी का ऑपरेशन मुजफ्फरपुर जिले के बरियारपुर स्थित एक निजी अस्पताल में किया गया। मरीज पिकी के अनुसार उसका चचेरा भाई ही निजी संचालन करता था। मरीज ने बताया कि उसके चचेरे भाई के द्वारा ही ऑपरेशन किया गया। जिसमें उसकी स्थिति बिगड़ गई। उसका मायका भी मुजफ्फररपुर ही है। जहां से उसका चचेरा भाई ऑपरेशन करने की बात कर ले आया। पिंकी ने बताया कि उसका चचेरा भाई झोलाछाप डॉक्टर है। ऑपरेशन के बाद स्थिति बिगड़ने के कारण उसे छोड़ दिया गया। उसके बाद पिछले 2 दिनों से समस्तीपुर शहर के मोहनपुर स्थित एक निजी नर्सिग होम में इलाज करा रही थी।