एक 70 वर्षीय महिला को अपने बेटे के पोस्टमॉर्टम के लिए सात महीने तक इंतजार करना पड़ा। मां का आरोप था कि उसके बेटे की हत्या कर दी गई थी। बिहार के किशनगंज जिले के बहादुरगंज प्रखंड के अलताबाड़ी गांव निवासी मृतक मोहम्मद शकील आलम के शव को गुरुवार को कब्र से निकाला गया। इस संबंध में डीएम ने दिसंबर में ही आदेश दे दिया था, लेकिन तब भी पोस्टमार्टम नहीं हुआ। शकील के परिजन शव का पोस्टमार्टम करवाने की मांग को लेकर 20 मार्च से टाउन हॉल के पास अनशन पर बैठ गए थे। एसपी डॉक्टर इनामुल हक मेगनु के आश्वासन पर बुधवार को अनशन तुड़वाया गया था। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
गुरुवार को जब कब्र से शकील का शव निकाला गया तो उस दौरान मजिस्ट्रेट, पुलिस-प्रशासन, डॉक्टरों की टीम और स्थानीय लोग मौजूद थे। हालांकि, लाश पूरी तरह गल चुकी थी। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। डॉक्टर की टीम आगे प्रक्रिया कर रही है। परिजनों के अनुसार शकील की मौत अगस्त 2022 में हुई थी और उसके कुछ दिनों बाद ही उसके साले मिन्हाज की मौत हुई थी। मिन्हाज पहले सड़क किनारे गंभीर हालत में मिले थे। उसके बाद इलाज के दौरान मौत हुई थी जिसके बाद परिजनों द्वारा शकील अख्तर और मिन्हाज की हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था।
बता दें कि शकील आलम का शव 9 अगस्त 2022 को संदिग्ध हालत में फांसी के फंदे से लटका मिला था। घटना के बाद सामाजिक स्तर से पंचायती कर मृतक के शव को कब्र में परिजनों के द्वारा दफन कर दिया गया था। वहीं पंचायती के बाद न्याय न मिल पाने के कारण शकील के परिजनों के द्वारा किशनगंज न्यायालय में न्याय की फरियाद लगाई गई थी, जिसके बाद शकील हत्याकांड के मुख्य गवाह उसके साले मिन्हाज की भी 28 सितंबर 2022 को संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। हत्याकांड के मुख्य गवाह मामले की हत्या के बाद मामले ने तुल पकड़ लिया था, जिसके बाद पुलिस ने शकील की हत्या के मुख्य आरोपी मास्टर मकसूद आलम के साथ अन्य पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
वहीं बगैर पोस्टमार्टम के शकील के शव को दफनाने
परिजनों में नाराजगी थी, जिसको लेकर परिजन बीते मंगलवार को आमरण अनशन पर बैठ गए थे। बुधवार को एसपी के आश्वासन पर परिजनों ने आमरण अनशन को तोड़ दिया। इसी क्रम में जिला पदाधिकारी के द्वारा जारी पत्र के आलोक में आज मजिस्ट्रेट, पुलिस बल और चिकित्सीय दल की मौजूदगी में अलताबाड़ी गावं स्थित कब्रिस्तान से मृतक शकील के शव के अवशेष को कब्र से बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल किशनगंज भेज दिया गया है।
क्या कहती हैं मृतक की पत्नी
घटना पर जानकारी देते हुए मृतक शकील आलम की पत्नी नूरजहां खातून के परिजनों ने बताया कि शकील की फांसी के फंदे में टांगकर हत्या की गई थी। वहीं मृतक के परिजनों ने किशनगंज न्यायालय में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई थी, जिसके बाद आज मृतक शकील के शव के अवशेष को
पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।