झुन्नू बाबा
• आरपीएफ के 2 पुलिस पदाधिकारी निलंबित मंडल सुरक्षा आयुक्त ने शुरू किया विभागीय जांच
समस्तीपुर रेल मंडल में एक और बड़ा स्क्रैप घोटाला सामने आया है। आरपीएफ के पुलिस पदाधिकारी की मिलीभगत से लाखों रुपया का रेलवे स्क्रैप बिना टेंडर किए ही बेच दिया गया।
मामला उजागर होने के बाद इस मामले में समस्तीपुर रेल मंडल के मंडल सुरक्षा आयुक्त ने रेलवे मंडल के झंझारपुर आरपीएफ आउटपोस्ट के प्रभारी श्रीनिवास के अलावा मधुबनी के जमादार मुकेश कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मंडल सुरक्षा आयुक्त ने बताया कि लोहट चीनी मिल को लेकर पंडौल स्टेशन से गई लाइन का स्क्रैप गलत तरीके से गायब किए जाने का मामला सामने आया था। ।जिस पर यह कार्रवाई की गई है। साथ ही इस मामले में विभागीय स्तर पर जांच कमेटी बनाकर जांच कराई जा रही है ।अगर जांच में दोनों पुलिस पदाधिकारी पर मामला सत्य पाया जाता है तो दोनों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
जानकारी अनुसार समस्तीपुर रेल मंडल के पंडौल स्टेशन से लोहट चीनी मिल के लिए रेलवे लाइन बिछाई गई थी। चीनी मिल लंबे समय से बंद होने के बाद इस लाइन को मृत घोषित कर दिया गया ।बताया गया है कि रेलवे लाइन का स्क्रैप बिना कोई ऑक्शन किए आरपीएफ की मिलीभगत से स्क्रैप कारोबारी के हाथों बेचा जा रहा था ।कुछ माल इसमें पकड़ा भी गया है जिसको लेकर दरभंगा आरपीएफ पोस्ट में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
आरपीएफ सूत्रों का कहना है कि बेचे जा रहे हैं इस स्क्रैप में दोनों आरपीएफ पुलिस पदाधिकारी का हाथ था ।दोनों पुलिस पदाधिकारी के कारण ही स्क्रैप कारोबारियों के हाथों अवैध तरीके से बेचा जा रहा था। दिल्ली दरभंगा आरपीएफ पोस्ट और रेलवे विजिलेंस की टीम कर रही है जांच मामला उजागर होने के बाद रेलवे मंडल में एक बार पुनः हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले को लेकर बीती देर रात तक मंडल सुरक्षा आयुक्त एसजेएस जानी के नेतृत्व में आरपीएफ के अलावा आरपीएफ की विजिलेंस टीम एसआईवी व सीआईबी की टीम मामले को लेकर मंथन कर रही है। इस मंथन मीटिंग के बाद इस मामले को लेकर मंडल सुरक्षा आयुक्त ने जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दोनों पुलिस पदाधिकारी का भविष्य तय होगा। रेल इंजन का स्क्रैप बेचे जाने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि नया मामला खुलासे से हर कोई दंग
यहां बता दें कि गत वर्ष समस्तीपुर रेल मंडल के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर रेल इंजन का स्क्रैप बेचे जाने का मामला खुलासा हुआ था। इस मामले में आरपीएफ के दरोगा वीरेंद्र दुबे समेत आठ लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी वीरेंद्र दुबे को सेवा से बर्खास्त भी किया जा चुका है। जबकि इस मामले में सीनियर सेक्शन इंजीनियर आरआर झा के अलावा कर्मी सुशील कुमार पर तलवार लटकी हुई है। यहां बता दें कि दरोगा श्रीनिवास का चेहरा पूर्व से ही दागी रहा है करीब डेढ़ दशक पूर्व श्री निवास समस्तीपुर स्टेशन पर सिपाही हुआ करता था तो वह प्लेटफार्म नंबर 7 के पास बैरक में रहता था इस दौरान उसके सांठगांठ समस्तीपुर स्टेशन के अटैची लिफ्टों से था। यात्रियों से छीनी गई अटैची वह अपने बैरक में ले आता था और वहीं से बटवाड़ा भी करता था। उस समय इस मामले के खुलासे के बाद तत्कालीन मंडल सुरक्षा ने उसे निलंबित किया था। हालांकि बाद में मामला के गवाह के मुकरने पर उसकी सेवा बहाल कर दी गई और उसे प्रमोशन भी दिया गया।