CM Nitish Kumar vs Upendra Kushwaha: सीएम नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा में लगातार विवाद जारी है. दोनों लगातार एक-दूसरे को निशाने पर ले रहे हैं. कभी नाम लेकर तो कभी इशारे-इशारे में ही ये खींचतान जारी है. बात यहां तक पहुंच गई है, अब लग रहा है कि ये कुशवाहा के इस्तीफे की ओर जाएगी. ऐसा वाकया गुरुवार शाम से शुरू हुआ है. असल में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने अब जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष को निशाने पर लिया है. उन्होंने अपनी टिप्पणी में 'इस्तीफे' शब्द का प्रयोग किया और कहा कि 'कुशवाहा को खुद से त्याग पत्र दे देना चाहिए.
कहा- खुद से दे दें इस्तीफा
असल में बुधवार को कुशवाहा ने ट्वीट करके कहा था कि 'ऐसे कैसे चलें जाएं, कोई अपना हिस्सा-अपनी संपत्ति छोड़ कर कैसे जा सकता है' इस तरह से उन्होंने सीएम नीतीश के मंगलवार को दिए उस बयान का जवाब दिया था, जिसमें नीतीश कुमार ने कहा था कि 'जहां जाना है वहां चले जाएं, कोई आता है, किसी को बढ़ा देते हैं, कोई भाग जाता है, कोई जाना चाहता है, हमको क्या है, पार्टी को इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता है.' अब गुरुवार को उमेश कुशवाहा जमकर उपेंद्र कुशवाहा पर बरसे हैं. उन्होंने कहा कि 'उपेंद्र कुशवाहा को तो शर्म आनी चाहिए उन्हें तो खुद से त्याग पत्र दे देना चाहिए.'
उपेंद्र कुशवाहा पर लगाए ये आरोप
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने कुशवाहा पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 'पार्टी में उपेंद्र कुशवाहा का कोई भागेदारी और हिस्सेदारी नहीं है, उनकी तो कोई जमीन भी नहीं है. वह जबसे जदयू में आए हैं,सिर्फ पार्टी को कमजोर ही कर रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी में रहते हुए अभी महात्मा फुले संगठन चला रहे हैं. इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसका क्या औचित्य है. उपेंद्र कुशवाहा कुछ दिन पहले पहले पार्टी की मजबूती की बात कर रहे थे और अब पार्टी में ही हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं.