झुन्नू बाबा
• दो वर्षों से टूटी है रेलिंग अब तक ज़िला प्रशासन का ध्यान केंद्रित नही
• किसी बड़ी दुर्घटना का हो रहा है इंतज़ार
• ज़िले से कई मंत्री सांसद व विधायक भी कर रहें अनदेखी
समस्तीपुर शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाली और राजधानी सहित अन्य जिलों को जोड़ने वाली शहर के बीचो-बीच स्थित समस्तीपुर ओवरब्रिज की रेलिंग पिछले करीब 2 वर्षों से टूटी पड़ी हुई है। इसी ओवरब्रिज से होकर जिले के डीएम सहित अन्य अधिकारी गुजरते हैं। लेकिन टूटी हुई रेलिंग को दुरुस्त कराने से मुंह फेरे हुए हैं।
करीब पांच-छह महीने पूर्व भी ओवर ब्रिज के टूटे हुए रेलिंग से संबंधित खबर पत्र-पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई थी। बावजूद इसके डीएम और संबंधित अधिकारियों के द्वारा इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। बता दें कि 23 जनवरी 2021 की शाम एक ट्रैक्टर ओवरब्रिज की रेलिंग तोड़ते हुए नीचे जा गिरी थी। जिसमें ट्रैक्टर पर बैठे एक मजदूर की मौत हो गई थी। जिसके बाद से ही ओवरब्रिज की रेलिंग टूटी पड़ी हुई है। लेकिन, डीएम सहित अधिकारियों की कार्य-विमुखता के कारण आज तक टूटे हुए रेलिंग को दुरुस्त नहीं कराया गया। बता दें कि इस ओवरब्रिज होकर हर रोज करीब लाखों छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं। जिसमें कई लाख लोग सफर करते हैं। जिससे हमेशा किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। इसी टूटे हुए रेलिंग वाले ओवरब्रिज से होकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, बिहार के वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री आलोक कुमार मेहता, बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव, बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, बिहार विधानसभा के उप मुख्य सचेतक व स्थानीय विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन, सीपीआईएम विधायक दल के नेता अजय कुमार के अलावा राज्य के कई मंत्री, सांसद, विधायक, विधान पार्षद और विधायक आदि भी सफर करते हैं। बावजूद इसके न ही अपने आप को जनता के हिमायती और हितैषी बताने वाले उपरोक्त नेताओं के द्वारा और न ही जनता के नौकर कहे जाने वाले जिला अधिकारी व पदाधिकारियों के द्वारा पिछले 2 वर्षों से टूटे पड़े हुए रेलिंग को दुरुस्त कराने के संबंध में कोई कदम उठाया गया। वहीं, मथुरापुर बाजार समिति से हर रोज सब्जी खरीदकर शहरी क्षेत्र में सब्जी बेचने वाले एक सब्जी विक्रेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि जब तक ओवरब्रिज के टूटे रेलिंग से किसी बड़े अधिकारी अथवा नेता का वाहन नहीं गिरता है और उसमें किसी की मौत नहीं होती है, तबतक लगता नहीं है कि टूटे हुए रेलिंग की मरम्मत हो पायेगी। सब्जी विक्रेता की इस बात में दम तो लगता है और शायद टूटा हुआ रेलिंग भी इसी इंतजार में है।