झुन्नू बाबा
• कई विशेषज्ञ डॉक्टरों ने छोड़ा पद तो कई गये लंबी छुट्टी पर
• डेंटिंग पेंटिंग से नही डॉक्टरों की कमी को दूर करे विभा
• तभी होगा स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार
समस्तीपुर ! मिशन-60 डे की अवधि समाप्त होने के बाद भी राज्य के अन्य सरकारी अस्पतालों की तरह समस्तीपुर सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ करने की विभाग की कोशिशें जारी हैं। समस्तीपुर सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने को लेकर विभाग का पूरा फोकस संसाधनों को मजबूत करने के बजाय भवनों की रंगाई-पुताई पल ज्यादा है।
वहीं, सदर अस्पताल विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से अभी भी जूझ रहा है। जिसका खामियाजा दूर-दूर क्षेत्रों से आने वाले एवं घटना-दुर्घटना के मरीजों को उठाना पड़ रहा है। मिली जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल में स्वीकृत चिकित्सा कर्मियों के कई पद खाली हैं। जिससे समस्तीपुर सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था दिन-ब-दिन लचर होती जा रही है। कहने को सदर अस्पताल है लेकिन यहां एक भी महिला सर्जन नहीं है। अस्पताल प्रबंधन की मनमानी को लेकर कई चिकित्सक रिजाइन कर चुके हैं। वहीं, चिकित्सकों की कमी के कारण बढ़ते हुए काम के बोझ से बचने को लेकर कई चिकित्सक लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। जिस कारण विशेषज्ञ चिकित्सकों को प्रतिनियुक्ति कर किसी तरह काम चलाया जा रहा है। अभी तक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ प्रतिभा कुमारी, हड्डी एवं नस रोग सर्जन डॉ डीके शर्मा, एमडी मेडिसिन डॉ चंदन सिंह, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मेघा अहूजा, डॉ प्रीति के द्वारा रिजाइन किया जा चुका है। वहीं, डॉ अदिति, डॉ रेहाना खातून, डॉ पूजा और डॉ दिव्या, डॉ रौशन, डॉ राघवेंद्र लंबी छुट्टी पर चल रहे हैं। वहीं, डॉ चंदन कुमार यौन शोषण का आरोप झेल रहे हैं और पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार फरार चल रहे हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के उनसे जुड़े रोगों के मरीजों को राज्य के दूसरे बड़े अस्पतालों में रेफर करने की प्रक्रिया जारी है। वहीं, मिली जानकारी के अनुसार बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा बिहार के सभी जिलों से विशेषज्ञ डॉक्टरों के रिक्त पदों के संबंध में डाटा मांगा गया है। बताया जा रहा है कि अस्पतालों में खाली पड़े डॉक्टरों के पदों पर बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति की संविदा पर एक्सपर्ट की बहाली करेगी। बरहाल वर्तमान में समस्तीपुर सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। इस बाबत सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ गिरीश कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर, स्पेशलिस्ट और डेंटिस्ट को मिलाकर कुल 68 पद सृजित हैं। जिसमें अभी वर्तमान में स्वीकृत पदों के मुकाबले मात्र 28 लोग भी काम कर रहे हैं। जिस कारण सदर अस्पताल प्रबंधन को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की कमी से संबंधित समस्या को लेकर वरीय पदाधिकारियों को अवगत कराया गया है।