समस्तीपुर: नगर निगम भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा, नगर आयुक्त ने दिया अपने स्वजाति को सफाई का ठेका। Samastipur News

झुन्नू बाबा 

• जबकि ठीकेदार को कार्य का अनुभव ही नही

• ठीकेदार एक संस्था का एक मुंशी है


समस्तीपुर नगर निगम भ्रष्टाचार के आकंठ में डूब चुका है और उसके भ्रष्टाचार के कचरे की दुर्गंध से निगम वासियों का जीना मुहाल हो गया है। अपने चहेतों को शहर की साफ-सफाई का जिम्मा देकर नगर निगम ने लोगों को कचरे के ढेर और गंदगियों के बीच रहने और जीने को विवश कर दिया है। 


नगर निगम क्षेत्र के सदर बाजार, गोला रोड, रामबाबू चौक, गणेश चौक, गुदरी बाजार, बंगाली टोला, बहादुरपुर, जितवारपुर निजामत और जितवारपुर चौथ आदि क्षेत्रों में कई-कई दिन बीत जाने के बावजूद भी बीच सड़क पर पड़े हुए कचरे का उठाव संबंधित साफ-सफाई एजेंसी के द्वारा नहीं कराया जा रहा है। जिससे निगम क्षेत्र के वासियों में काफी आक्रोश व्याप्त है। ऐसा ही कुछ आरोप लगाते हुए नगर निगम क्षेत्र के रहने वाले और एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए व्यक्ति के द्वारा लगाते हुए कहा गया है कि नगर आयुक्त ने अपने एक स्वजाति को नगर क्षेत्र का ठेका दे दिया है जिसे कार्य का कोई अनुभव नही तथाकथित ठीकेदार फिलवक्त एक संस्था में मुंशी का कार्य कर रहा है!उन्होंने बताया कि कुछ क्षेत्रों में थोड़ी-बहुत दिखावे के लिए साफ-सफाई की जा रही है। वहीं, फागिंग की व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए कहा गया है कि एक-आध वार्डों में सिर्फ दिखावे के लिए फागिंग करवा दी जाती है और बाकी वार्डों को छोड़ दिया जाता है। उन्होंने नगर निगम को लूट और भ्रष्टाचार का अड्डा बताया है। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई की कार्यरत एजेंसी के मिलीभगत के माध्यम से सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है। क्योंकि, वर्तमान नगर आयुक्त के कार्यकाल में समस्तीपुर शहर स्वच्छता रैंकिंग में 12 पायदान नीचे फिसल गया है। पिछले वर्ष जहां समस्तीपुर सातवें स्थान पर रहा था, इस वर्ष रैंकिंग में 19वें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि फोन के माध्यम सहित कई बार नगर आयुक्त को उपरोक्त समस्याओं के बारे में अवगत कराया गया। बावजूद इसके नगर निगम प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि नगर निगम अगर साफ-सफाई की व्यवस्था को दुरुस्त नहीं करती है तो समस्या के निराकरण के लिए समस्तीपुर जिलाधिकारी को शहर वासियों के द्वारा ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने साफ-सफाई के नाम पर खानापूर्ति करने वाले एजेंसी को हटाने और साफ-सफाई का जिम्मा नगर निगम को अपने हाथों में लेने की मांग की है।

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