समस्तीपुर: डीएम की फटकार से गुंजा सदर अस्पताल। Samastipur News

झुन्नू बाबा 


• डीएम ने सदर अस्पताल का किया औचक निरीक्षण । अस्पताल में गंदगी और कुव्यवस्था को देखकर भड़के । 


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• इमरजेंसी वार्ड में सर्जन की ड्यूटी नही लगाने पर सिविल सर्जन को लगी जमकर फटकार


समस्तीपुर में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के बाद डीएम योगेंद्र सिंह ने  सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया।  डीएम के पहुंचते ही सदर अस्पताल के मैनेजमेंट व्यवस्था की पोल खुल गयी।  डीएम पहली बार अस्पताल में निरीक्षण करने को पहुंचे थे। इस दौरान अपर समाहर्ता, नगर आयुक्त के अलावे विभिन्न विभागों के वरीय अधिकारी भी मौजूद रहे। 




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डीएम ने प्रवेश द्वार से निरीक्षण करना शुरू किया। प्रवेश द्वार की स्थिति देख डीएम ने सड़क और नालों की स्थिति दुरुस्त कराने का सीएस को निर्देश दिया। इसके बाद डीएम ने निर्माणाधीन एमसीएच बिल्डिंग , ओपीडी के प्रवेश द्वार की सड़क पर कीचड़ और जलजमाव को देख भड़क उठे। डीएम ने अस्पताल की व्यवस्था को अविलंब दुरुस्त करने का सीएस को निर्देश दिया । उसके बाद डीएम अस्पताल की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ घंटों समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए डीएम ने कहा कि विभाग की तरफ से ऑपरेशन 60 डेज अभियान चलाया जा रहा है ।



 इसी के तहत जो भी कमियां है उसको दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है । इसी के तहत आज अस्पताल का निरीक्षण किया गया है यहां की स्थिति काफी दयनीय है । इसको लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें अविलंब दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है । बतादें की सदर अस्पताल की हालत पहले से ही दयनीय थी इधर जबसे नये सिविल सर्जन संजय कुमार चौधरी की सीएस के पद पर नियुक्ति हुई तभी से सदर अस्पताल की हालत बद से बदतर हो गई है! जातिवाद चरम सीमा पर पहुँच गया है ! सदर अस्पताल का महत्वपूर्ण विभाग इमरजेंसी वार्ड है जहाँ हर शिफ्ट में एक सर्जन की ड्यूटी अनिवार्य है वहाँ इनके कार्यकाल में एक भी सर्जन की ड्यूटी एमरजेंसी वार्ड में नही लगाई गई है!ऐसे में कोई गंभीर मरीज़ आ गया तो उसे रेफर कर दिया जाता है ऐसे में कई मरीज़ों की मौत रास्ते में हो गई है !



   बतादें की सिविल सर्जन के खुद के दामाद डॉ सुमित कुमार एक सर्जन हैं और उनकी ड्यूटी किस परिस्थितियों में ओपीडी लगाई गई है इसकी भी जाँच होनी चाहिए थी !पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं इंजुरी रिपोर्ट में भारी लूट मची हुई है एक कर्मचारी ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया सदर अस्पताल के एक डॉक्टर पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं इंजुरी रिपोर्ट का पंजी रिपोर्ट बनाने के लिए अपने घर तक ले जाते हैं! 



वही काफी समय से सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जाँच की सुविधा नहीं होने के कारण गरीब निर्धन परिवारों को बाहर का रास्ता देखना पड़ता है, इसके अलावा इमरजेंसी वार्ड में फर्द बयान के लिए भी वहाँ के कर्मी एवं डॉक्टर मिलकर बोली लागतें दिखाई देते हैं इन सभी समस्याओं को डीएम साहब को दूर करना होगा तभी सदर अस्पताल की समस्या दूर हो पाएगी वरना वही ढाक के तीन पात वाली कहानी बनकर रह जायेगा !

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