लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। इधर, चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीनी सैनिकों ने LAC के पास देमचोक में कुछ भारतीय चरवाहों को रोक दिया। सैनिकों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह उनका क्षेत्र है। ये मामला 21 अगस्त का बताया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने देमचोक में CNN जंक्शन पर सैडल के पास भारतीय चरवाहों की मौजूदगी पर आपत्ति जताई। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए भारतीय सेना के कमांडरों और चीनी सैनिकों के बीच 26 अगस्त को बैठक भी हुई।
2019 में हुई थी हाथापाई
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि चरवाहे अक्सर इस क्षेत्र में आते रहे हैं। 2019 में भी इस मसले को लेकर दोनों पक्षों में मामूली हाथापाई हुई थी। सूत्रों का कहना है कि दोनों सेनाओं के बीच इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई। यह स्थानीय स्तर पर कमांडरों के बीच मुद्दे को हल करने और एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए एक नियमित बैठक थी। एलएसी पर ऐसी बैठकें प्रोटोकॉल के तहत होती रहती हैं।
जून 2020 में गलवान में हुई थी झड़प
भारत और चीन अप्रैल 2020 से इस क्षेत्र में डटे हुए हैं। वहीं, 15 जून 2020 को गलवान में दोनों पक्षों में हुई झड़प के बाद सेक्टर के कई क्षेत्र ‘नो पेट्रोलिंग जोन’ बन गए हैं। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, वहीं भारत ने भी चीन को काफी नुकसान पहुंचाने का दावा किया।
भारत को उकसाने की कोशिश कर रहा चीन
इस झड़प के बाद से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर दोनों देशों ने जवानों की तैनाती में इजाफा किया। दोनों देशों ने करीब 50-50 हजार सैनिक तैनात किए हैं। हालांकि, कई दौर की बातचीत के बाद पिछले साल दोनों देशों ने पैंगोंग और गोगरा से अपनी सेनाओं को वापस ले लिया था। दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन चीन एलएसी पर भारत को उकसाने की कोशिशें कर रहा है।