रेलवे मुख्यालय स्थित आरपीएफ कॉलोनी में 500 के करीब रेलवे क्वार्टर हैं। रेलवे क्वार्टरों में अधिकतर आरपीएफ के पुलिस कर्मी रहते हैं। जिनकी जिम्मेवारी रेलवे संपत्ति की सुरक्षा है। लेकिन वह जून की इस गर्मी में पानी के लिए तरस रहे हैं। खास कर टाइप वन क्वार्टर में रहने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दोपहर के समय में लोगों को बाल्टी लेकर दुर्गा स्थान आदि जगहों पर जाकर पानी लाना पड़ता है। कॉलोनी के कर्मी बताते हैं कि यह स्थिति करीब दो सालों से हैं। क्वार्टर पर पानी स्टोर के लिए पानी टंकी लगाया गया है लेकिन टंकी में पानी स्टोर नहीं होता। लोगों को सुबह व शाम के समय जब पानी की सप्लाई दी जाती है उसी समय पानी नल से मिलता है। सप्लाई के बंद होते ही नल सुख जाता है। इसके बारे में मंडल के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों से शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। लोग पानी के लिए तरस रहे हैं।
अटेरन चौक के पास गाड़ा गया पंप हुआ बेकार, लोग परेशान
आरपीएफ कॉलोनी को पानी देने के लिए अटेरन चौक के पास पंप गाड़ा गया था। लेकिन लाखों खर्च के बाद भी यह पंप चालू नहीं हो पाया। जिससे लोगों की परेशानी बनी हुई है। कॉलोनी के लोगों का कहना है कि इस कॉलोनी में पानी के नाम पर सिर्फ लूट मचा हुआ है। समस्या जस की तस बनी हुई है।
तीन माह पूर्व क्वार्टरों से बदली गई है पानी टंकी
रेलवे कर्मियों ने बताया कि करीब तीन महीना पूर्व शिकायत के बाद पुन: रेलवे क्वार्टर पर लगी पुरानी पानी टंकी को बदल कर नया कर दिया गया है। बावजूद पानी टंकी में पानी नहीं चढ़ रहा। पानी टंकी से पानी के सप्लाई पाइप से कनेक्शन नहीं किया गया है। जिससे टंकी में पानी स्टोर नहीं हो पाता। लोगों का कहना है कि दो वर्ष पूर्व भी पानी टंकी बदला गया था लेकिन लोगों को पानी नहीं मिला।
लोहा टंकी खराब होने के बाद से दिक्कत
लोगों ने बताया कि इस कॉलोनी में लोहा के पुराने पानी टंकी से आपूर्ति दी जाती थी। उस समय यह परेशानी नहीं थी। लेकिन जब से लोहा टंकी को बंद किया गया है। लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इस कॉलोनी को डीएस कॉलोनी के पीछे वाले टंकी से पानी मिलता है। पानी का फोर्स कम होने के कारण पानी टंकी में नहीं चढ़ पाता। जिससे लोगों काे लाभ नहीं मिल रहा है।
^कर्मियों के क्वार्टर के पानी टंकी में पानी क्यों नहीं पहुंच रहा इसके लिए इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों से जांच कराई जाएगी। समस्या का समाधान जल्द हो जाएगा।
-आलोक अग्रवाल , डीआरएम