झुन्नू बाबा
समस्तीपुर ! जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह एवं पुलिस अधीक्षक हृदयकान्त के संयुक्त अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ईद- उल- जोहा (बकरीद) पर्व के विधि व्यवस्था संधारण हेतु समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में आहूत की गई।
बैठक में पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त, विशेष कार्य पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुख्यालय, जिला योजना पदाधिकारी, जिला अग्नि शाम पदाधिकारी, अधीक्षक मद्य निषेध, एवम उत्पाद, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, मुफस्सिल एवं टाउन थाना के थाना प्रभारी एवं अन्य संबंधित विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी अंचल अधिकारी, सभी थाना/ओपी अध्यक्ष अपने अपने मुख्यालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे।
बैठक में जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा निम्नांकित निर्देश दिए गए:
इस वर्ष बकरीद पर्व दिनांक 10 जुलाई 2022 को मनाया जाएगा। ईद उल जोहा (बकरीद) की नमाज 6:00 बजे पूर्वाहन से 12:00 बजे मध्यान के बीच विभिन्न ईदगाह/ मस्जिद में होती है, तथा इसके बाद कुर्बानी प्रारंभ होती है। मुख्यत: कुर्बानी बकरीद के दिन होती है,परंतु कुर्बानी का कार्यक्रम बकरीद के दिन से 3 दिनों तक अर्थात दिनांक 12 जुलाई 2022 तक चलने की संभावना है।
समस्तीपुर जिला में विगत बकरीद पर्व सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया गया था। किसी भी स्थान से सांप्रदायिक तनाव की सूचना प्राप्त नहीं हुई थी। बकरीद पर्व के अवसर पर किसी भी प्रखंड विकास पदाधिकारी/अंचल अधिकारी एवं थाना अध्यक्ष ने अपने क्षेत्र में विशेष स्थान से किसी प्रकार की आवश्यकताओं को प्रतिवेदित नहीं किया है।
1. कॉविड की बढ़ती हुई स्थिति को देखते हुए बकरीद पर्वों को कॉविड गाइडलाइन के अनुसार मनाए जाने हेतु प्रचारित करने का निर्देश दिया गया। समाजिक दूरी एवं मास्क का उपयोग करने हेतु निर्देशित किया गया।
2. शांति समिति का गठन एवं बैठक: थाना,प्रखंड एवं अनुमंडल व जिला स्तर पर आवश्यकतानुसार शांति समिति का गठन कर बैठक आयोजित किया जाने का निर्देश दिया गया। विशेषकर ऐसे सभी स्थानों पर जहां पहले कभी सांप्रदायिक घटना हुई हो धार्मिक स्थलों को लेकर पूर्व से कोई विवाद हो एवं इस त्योहार के अवसर पर किसी भी प्रकार के अशांति की संभावना हो तो वहां के जिला पार्षद, प्रमुख, मुखिया तथा दोनों संप्रदाय के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की मदद से शांति समिति का गठन किया जाए। शांति समिति में दोनों संप्रदाय के प्रमुख एवं प्रभारी व्यक्तियों को रखा जाए। जिससे शांति भंग होने का भय ना हो। असामाजिक तत्वों की गतिविधियां नियंत्रित रखने के लिए इस त्यौहार के अवसर पर पुलिस एवं दंडाधिकारी को शांति समिति के सदस्यों से परिचय करा दिया जाए ताकि विवाद ग्रस्त मामले को सुलझाने में काफी मदद मिल सके।
3. सोशल मीडिया पर सतत निगरानी रखे जाने का निर्देश दिया गया। साइबर सेनानी तथा अन्य माध्यमों से अफवाहों का खंडन किए जाने हेतु निर्देशित किया गया। अवांछित तथा उग्र कार्रवाई हेतु भड़काऊ टिप्पणी करने वालों पर यथोचित विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
4. स्थानीय स्वशासी निकायों के पद धारकों, सदस्यों एवं क्षेत्रीय कर्मचारियों की सहभागिता:
विधि व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने में पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों की अहम भूमिका होती है। प्रखंड विकास पदाधिकारी/ अंचलाधिकारी/थानाध्यक्ष अपने आसूचना संग्रह तंत्र को विकसित कर इसे मजबूत बनाए रखने हेतु निर्देश दिया गया। क्षेत्र की पंचायत सेवकों,क्षेत्रीय कर्मचारियों एवं पंचायत निकाय के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के माध्यम से विधि व्यवस्था के संदर्भ में उत्पन्न समस्या पर तुरंत प्रभावी कदम उठाए जाने का निर्देश दिया गया। किसी भी सांप्रदायिक अथवा विधि व्यवस्था को प्रभावित करने वाले विवाद के प्रारंभ में ही उसके समाधान का प्रयास किया जाए ताकि यह अपना वृहद आकार न ले सके।
5. कुर्बानी के मद्देनजर पशुओं की खरीद बिक्री एवं परिवहन बकरीद के पूर्व से ही प्रारंभ हो जाता है। प्रायः ऐसा देखा गया है कि पशुओं को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के क्रम में भी किसी मामले को लेकर विवाद हो जाता है ऐसी स्थिति में सभी थाना अध्यक्ष बकरीद के पूर्व से ही अपने अपने क्षेत्र में लगातार गस्ती कराएंगे और यह सुनिश्चित कराएंगे कि किसी तरह का विवाद या तनाव उत्पन्न ना होने पाए।
6. सभी थाना अध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत सभी धार्मिक स्थलों का प्रातः कालीन सूर्योदय से पहले गस्ती कराएंगे।
7. सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को धारा 144 के तहत उक्त अवधि में तारी बिक्री को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया गया एवं उत्पाद अधीक्षक समस्तीपुर को पर्व के दिन सघन छापेमारी हेतु निर्देशित किया गया।
8. घातक हथियारों/अस्त्र-शस्त्र पर पाबंदी: सभी अनुमंडल पदाधिकारी धारा 144 के तहत घातक हथियारों/ अस्त्र शास्त्र आदि के साथ चलने पर प्रतिबंध लगाना सुनिश्चित करेंगे।
9. इस पर्व के अवसर पर विधि व्यवस्था संधारण, सूचनाओं का आदान प्रदान करने, प्राप्त सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने आदि के मद्देनजर समाहरणालय समस्तीपुर में जिला नियंत्रण कक्ष का गठन किया जाता है।
जिला नियंत्रण कक्ष का दूरभाष संख्या 06274-222300 है।
साथ ही रोसरा,दलसिंहसराय एवं पटोरी अनुमंडल मुख्यालय में भी अनुमंडल नियंत्रण कक्ष दिनांक 09.07.22 से 12.07.2022 तक कार्यरत रहेगा। जिसका दूरभाष संख्या इस प्रकार है: -
रोसरा -06275-222244
दलसिंहसराय -06278-295211
पटोरी -06278-234424.
10. जिला अग्निशाम पदाधिकारी समस्तीपुर को 2 अग्निशाम वाहन तैयार स्थिति में समाहरणालय प्रांगण में उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया।
11. सिविल सर्जन समस्तीपुर को निर्देश दिया गया कि जिले में स्थित सभी सरकारी अस्पतालों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी कर्मियों एवं डॉक्टरों की उपस्थिति पर्व के दौरान बनी रहे एवं आवश्यक दवाओं की उपलब्धता भी बनाए रखेंगे जो आवश्यकता पड़ने पर बिना किसी विलंब के उपयोग में लाया जा सके। सदर अस्पताल एवं सभी अनुमंडलीय अस्पतालों पर एक एंबुलेंस लगातार तैयार स्थिति में उपलब्ध रखने हेतु निर्देशित किया गया।