अति व्यस्त मारवाड़ी बाजार में दिनदहाड़े ताबड़तोड़ फायरिंग से बाजार के काराेबारी दहशत में हैं। घटना के बाद दुकान बंद करने वाले कारोबारियों ने कहा कि शहर में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है। शिकायत के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं करती। कारोबारी माे. जफर हुसैन ने कहा कि धमकी व रंगदारी मांगे जाने की शिकायत पूर्व में लिखित रूप से डीएसपी समेत पुलिस पदाधिकारी से की थी, लेकिन पुलिस सक्रिय नहीं हुई।
अगर समय पर पुलिस सक्रिय होती तो दो दुकानदारों को गोली का शिकार नहीं होना पड़ता। घटना के मूल में मारवाड़ी बाजार की करोड़ों की जमीन बताई जा रही है। जिस पर भू माफियाओं का एक गुट शहर के ही एक बड़े कारोबारी को कब्जा दिलाना चाहता है। कारोबारियों में दहशत फैलाने के उद्देश्य से फायरिंग की गई। पुलिस का मानना है कि घटना के मूल में करोड़ों की जमीन है।
कारोबारी पारस जैन समेत 15 नामजद, 25-30 अज्ञात पर भी मामला : पीड़ित आरिफ अहमद ने नगर थाने में आवेदन दिया है। इसमें आरोप लगाया है कि पटना सिटी की रहने वाली रोशन आरा उनकी जमीन पर अपना हक दिखाते हुए गत मई महीने में प्रशासन को गुमराह कर धारा 144 की कार्रवाई करवाई थी। आरोप है कि रोशन आरा के साथ दोपहर करीब तीन बजे 35-40 बदमाश वहां आ पहुंचे और गोलीबारी शुरू कर दी।
सौतेली बहन व भाई के बीच जमीन को लेकर हिस्सेदारी का विवाद
रोशन आरा कारोबारी आरिफ अहमद की सौतेली बहन है। लेकिन उसे हिस्सा नहीं मिला। वह पटना में बस गई। इसी बीच शहर की जमीन पर मार्केंट बनाने की उसे सूचना मिली। उसने अपने हिस्से की जमीन शहर के कारोबारी के हाथों भूमाफियाओं के सहयोग से बेच डाला। अब इस जमीन पर कब्जा को लेकर विवाद चल रहा है। रोशन आरा के आवेदन के आधार पर एसडीओ कोर्ट से इस जमीन पर गत महीना धारा 144 लागू करते हुए 107 की कार्रवाई की गई थी। लेकिन आरिफ की ओर से उक्त जमीन पर निर्माण जारी रखा गया। इसके बाद भू माफिया पोषित बदमाशों के द्वारा दहशत फैलाने के लिए फायरिंग की।
^कारोबारी द्वारा थाने में रंगदारी से संबंधित लिखित रूप से कभी कोई शिकायत नहीं की गई। टेलीफोन पर सूचना दी गई थी। जिसके बाद उन्हें लिखित रूप से आवेदन देने को कहा गया था। घटना के पीछे मूल रूप से रंगदारी नहीं जमीन का विवाद है। पूर्व में 107 की कार्रवाई की गई है। -अरूण कुमार राय, नगर थानाध्यक्ष