By झुन्नू बाबा
* डीएस के थप्पड़ से गुंजा सदर अस्पताल
* पीड़ित स्टाफ नर्स ने ओपीडी एवं महिला वार्ड का किया कार्य ठप
* सदर में बैठी धड़ने पर
समस्तीपुर सदर अस्पताल में इन दिनों गुटबाजी और राजनीति चरम पर है। शुक्रवार को घटित हुआ स्टाफ नर्स और डीएस विवाद उसी का नतीजा है। डीएस के द्वारा एक स्टाफ नर्स को ठीक से काम नहीं करने पर झिड़कने के बाद स्टाफ नर्स नवनीता कुमारी के द्वारा डीएस पर मारपीट करने का आरोप लगाया गया। इसके बाद न्याय की मांग करते हुए स्टाफ नर्स कर्मी सदर अस्पताल के स्वास्थ्य व्यवस्था को ठप करते हुए लेबर रूम के सामने धरने पर बैठ गए।
इस बाबत सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ गिरीश कुमार ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया। उन्होंने कहा कि बीते गुरुवार को केयर इंडिया के तरफ से स्टाफ नर्स कर्मियों की ट्रेनिंग थी, जिसमें शिकायतकर्ता स्टाफ नर्स के द्वारा ट्रेनिंग में भाग नहीं लिया गया। जब इस बाबत उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया तो उसी के रिएक्शन में षड्यंत्र और साजिश के तहत उन पर आरोप लगाया गया है। वैसे आपको बता दें कि इस मामले में स्टाफ नर्स को माध्यम बनाकर राजनीति की जा रही है। जिससे सदर अस्पताल का माहौल बुरी तरह से खराब हो रहा है। वहीं धरने पर बैठे हैं स्टाफ नर्स कर्मियों के द्वारा सिविल सर्जन को घूसखोर कहते हुए डीएस को हटाने की मांग की जा रही थी। इस बाबत पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ संजय कुमार चौधरी ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया ! सूत्र बताते हैं कि सदर अस्पताल के कुछ डॉक्टर का चरित्र महिला कर्मी को लेकर संदिग्ध पाया गया है इसी का नतीजा शुक्रवार को सदर अस्पताल में देखने को मिला है, शुक्रवार को स्टाफ नर्स नवनीता ने भी बताया कि डीएस डॉ गिरीश कुमार पिछले कई माह से मुझसे उम्मीद लगाए हुए थे मैंने इसका विरोध किया तो मुझे पहले कुर्सी से मारा फिर थप्पड़ जड़ दिया है, उन्होंने कई संगीन आरोप सदर अस्पताल अन्य डॉक्टरों पर भी लगाया है !