भोजपुर जिले में लगातार हत्याओं और कार्रवाई के बाद भी सुनहरे रेत (अवैध बालू खनन) के लुटेरों का दुस्साहस कम नहीं हो रहा है। सोन नदी से घिरे और दियारा क्षेत्र होने कारण बालू तस्कर (माफिया) द्वारा फिर से ग्रामीणों के रियायती जमीनों को काटकर बालू निकालने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर और ट्रकों से करोड़ों रुपए की बालू की लूट हो रही है। दैनिक भास्कर के ड्रोन कैमरे में कैद हुई सरकार को करोड़ों रुपए की चुना लगाने वाली तस्वीरें
बंदूक की नोक पर बालू निकाल रहे हैं माफिया
सोना उगलने वाली सोन नदी में आमजन या सरकार को कोई राजस्व का फायदा नहीं हो रहा है। इस सोने का फायदा भोजपुर समेत बिहार के बालू माफिया उठा रहे हैं। बालू माफिया अपनी दबंगई और धमक के दम पर सोन के सीने पर खंजर चला रहे हैं। इस लूट के खेल में अब तक कइयों की जान भी जा चुकी है। बालू माफिया द्वारा सोन नदी के किनारे रियायती जमीन से बंदूक की नोक पर बालू निकाल रहे हैं। फोटो या ड्रोन से ली गई तस्वीर में देख सकते हैं कि किस तरह सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर और ट्रकों में पोकलेन मशीनों से धड़ल्ले से बालू लोड किया जा रहा है।
रोजाना राज्य सरकार को लगा रहे हैं करोड़ों का चूना
इस सोन नदी के किनारे अवैध बालू खनन में लगे करीब 5000 से ज्यादा ट्रैक्टर और ट्रक से 350 करोड़ की तस्करी हो रही है। सरकारी चालान के अनुसार, 100 CFT बालू की कीमत ढाई हजार रुपए है। एक ट्रैक्टर में लगभग एक फीट बालू यानी 100 CFT और एक ट्रक में 300 CFT बालू लोड होती है। बालू माफिया रोजाना 8-10 करोड़ बिहार सरकार के राजस्व का चूना लगा रहे हैं। सरकार के निर्देश का उल्लंघन करते हुए सरकारी चालान लेने के बाद भी क्षमता से डेढ़ गुना ज्यादा बालू लोड कर बेचा जा रहा है। इस खेल में भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बलिया (UP), बक्सर समेत कई जिलों के माफिया शामिल हैं।
मजबूर हैं रियायती जमीन के मालिक
भास्कर की टीम को नाम नहीं छापने की शर्त पर रियायती जमीन के मालिक ने बताया कि बालू माफिया जबरन उनकी रियायती जमीन पर दखल कर 5 फीट मिट्टी काटकर बालू निकालने का काम कर रहे हैं। अगर विरोध करते हैं तो घर पर चढ़कर मारपीट करते हैं। घर की महिलाओं के साथ गलत व्यवहार करते हैं। किसी तरह अपने परिवार को बचाने के लिए सैकड़ों एकड़ जमीन को त्यागना पड़ रहा है। सरकार के पास गुहार लगाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। मजबूर है, लाचार हैं क्या कर सकते हैं।
जबरन बालू निकालने के लिए कई बार बहा खून
• 7 फरवरी 2021 को बड़हरा के मखदुमपुर गांव निवासी रंजीत सिंह दवा लेकर लौट रहे थे। तभी हथियारबंद बदमाशों ने फायरिंग कर दी। प्राथमिकी में खेत से अवैध रूप से बालू की कटाई को ही जिम्मेदार बताया गया था।
• 10 मार्च 2021 को कोईलवर थाना क्षेत्र के कमालुचक सोन दियारे में 3 बाप-बेटे को गोली मार दी थी। इसमें बड़हरा थाना क्षेत्र के फुहां गांव निवासी 60 वर्षीय दीनबंधु बिंद उसके दो बेटे 35 वर्षीय विष्णु बिंद और 28 वर्षीय भगवान बिंद को गोली लगी थी। पटना में इलाज के दौरान दीनबंधु की मौत हो गई थी। खेत से बालू ले जाने के शक पर गोली मारी गई थी।
• जून 2021 को कोईलवर थाना क्षेत्र के सेमरिया बालू . घाट पर गोलीबारी हुई थी। इसमें विजेंद्र राय की गोली लगने से मौत हो गई थी। प्राथमिकी में कहा गया था कि उनकी खेत से जबरन बालू काटी जा रही थी। इसका विरोध करने पर घटना को अंजाम दिया गया था।
• 12 अगस्त 2021 को कोईलवर थाना के दियारा इलाके में खेत से बालू काटने का विरोध करने पर माफिया ने एक युवक को गोली मार दी थी। जख्मी
महादेवचक सेमरिया गांव निवासी 38 वर्षीय महावीर राम को गोली लगी थी।
अवैध खनन को लेकर स्पेशल टीम गठित
भोजपुर पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी ने कहा कि अवैध खनन को लेकर जिले में स्पेशल टीम गठित की गई है। टीम द्वारा लगातार छापेमारी कर बालू माफिया को गिरफ्तार कर जेल भी भेज रही है। वहीं, अवैध तरीके से बालू ले जा रहे ट्रक और ट्रैक्टर को भी जब् कर कार्रवाई की जा रही है। जो भी इस धंधे में शामिल है उनको किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।