कमाल खान भारतीय तहजीव का दूसरा नाम ! कृष्णा।>> Samastipur City

 कमाल खान भारतीय तहजीव का दूसरा नाम ! कृष्णा 


समस्तीपुर ! ज़िला श्रमजीवी पत्रकार वर्किंग यूनियन के बैनर तले ज़िला कार्यालय में एक शोकसभा का आयोजन किया गया जिसमें यूनियन के अध्यक्ष कृष्ण कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कमाल खान भारतीय संस्कृति का दूसरा नाम हैँ कहने को तो ये एक पत्रकार थे लेकिन जब आप इनकी की गई रिपोर्टिंग पर गौर करेंगे तो आप को एहसास होगा की मुसलमानों के लिए अल्लाह के दूत, तो हिंदू के लिए राम भक्त हनुमान, कृष्ण के लिय अर्जुन, क्रिश्चन के लिए ईशा। मसीह के अवतार या फिर सामूहिक रूप से कहेंगे तो कमाल वास्तव में एक अलग किस्म के अवतार थे। जिसके हृदय में सब कुछ था । कबीर हो या रहीम, गुरुनानक हो महावीर, बौद्ध हो या पादरी सबके लिए समान आस्था लिए व्यक्तित्व, कमाल का व्यक्तित्व जिसका नाम कमाल खान था। भले ही कमाल खान आज हमारे बीच नहीं रहे लेकिन पत्रकारिता को वास्तव में कमाल को ऊंचाइयां दी और भी ऐसे वक्त में जब की आम जन मानस का पत्रकारिता पर से विश्वास उठता जा रहा है ।



पत्रकारिता पर से उठते विश्वास के दौर में आम जनता का उन पर जो विश्वास था वास्तव में कमाल और लाजबाब था । एक अमर व्यक्तित्व की अमर पत्रकारिता पूरी विश्व को हमेशा एक नया संदेश देता रहेगा परिस्थितियां चाहे जैसा भी हो ईमानदारी के साथ काम किया जा सकता है ये थे हमारे कमाल। शत शत नमन ! मौके पर शांति कुमार जैन, रमेश शंकर राय, मो0 फ़िरोज़ आलम, उर्फ झुन्नू बाबा, मो0 नसीम, मुकेश कुमार, संजीव नेपुरी, मंटुन कुमार, ज्योति कुमार सिंह उर्फ बाला,सुमन आनंद, मो0 जमशेद, रत्न शंकर भारद्वाज, रामरूप राय, राजेश कुमार, विनय भूषण, अवधेश कुमार, प्रभात कुमार, संदीप कुमार, कंचन कुमारी, संजय कुमार, जय राम सिंह, बी एन झा, आदि पत्रकारों ने कमाल खान के वयक्तित्व पर अपने अपने विचार वयक्त किये !

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