जिले में पदास्थापित अधिकारियों को हर हाल में 01 जनवरी 2022 से 31 'जनवरी 2022 तक अचल संपत्ति का विवरण देना होगा. अचल संपत्ति का विवरण ऑनलाइन स्पैरो सिस्टम से देना है. विवरण में 31 दिसंबर 2021 की अचल संपत्ति का ब्योरा देना है. अधिकारियों के दिये जाने वाले संपत्ति की "विवरणी को डिजिटल हस्ताक्षर या ई हस्ताक्षर द्वारा अभिप्रमाणित करना है. दिशा निर्देश के अनुरूप अचल संपत्ति का विवरणी नहीं देने वाले अधिकारियों " के खिलाफ विभागीय कार्य संचालित की जायेगी.
अधिकारियों को निर्धारित फार्मेट में अचल संपत्ति की विवरणी देनी है. उन्हें "अपने जिला का नाम, सब डिवीजन, गांव व शहर जहां संपत्ति स्थित है उसका 13 विवरण पूरे लोकेशन और पोस्टल पता के साथ देना है. संपत्ति का विस्तृत विवरण, हाउसिंग, लैंड तथा अन्य बिल्डिंग का जिक्र करना है. बनाने पर आने वाले खर्च, निर्माण और अचल संपत्ति की खरीदारी का वर्ष सहित 'विवरण देना है. उस अचल संपत्ति का 'वर्तमान वैल्यू कितना है. अगर अचल 'संपत्ति अपने नाम से नहीं है तो उस व्यक्ति का नाम जिसके नाम संपत्ति है और उनसे 'संबंध के बारे में बताना है. अचल संपत्ति, किस तरह अर्जित की गयी है, खरीदी गयी है या लीज पर ली गयी है, मॉरगेज है, पुस्तैनी है, गिफ्ट या अन्य किसी तरह से हासिल है उसका विस्तृत विवरण देना है, इतना ही नहीं वह संपत्ति किस तिथि को हासिल हुई, किस व्यक्ति से हासिल हुई इसका भी वर्णन करना है. उस संपत्ति से. = होने वाले वार्षिक आय का भी जिक्र करना है.
देना होता है हर साल संपत्ति का विवरण
प्रावधान के मुताबिक हर साल अखिल भारतीय सेवा के पदाधिकारियों, राज्य सरकार एवं राज्य सरकार के अधीन सभी उपक्रमों जिसमें बोर्ड, निगम, सोसाईटी पर्षद शामिल है. समूह क, ख, एवं ग के सभी पदाधिकारियों और कर्मियों से चल अचल संपत्ति तथा दायित्वों की विवरणी तलब की जाती है. पदाधिकारियों और कर्मियों से चल अचल संपत्ति तथा दायित्वों की विवरणी लेने के बाद उसे सार्वजनिक किया जाता है. इससे पता चलता है एक साल है। के भीतर किसी सरकारी अधिकारी व कर्मी ने कितनी अचल व चल संपत्ति हासिल की है. इसके लिये प्रपत्र भी निर्धारित है. अखिल भारतीय सेवाओं के आधार नियमावली के तहत दी जाने वाली संपत्ति विवरणी के अतिरिक्त यह संपत्ति विवरणी देनी होती है.