समस्तीपुर जिले में भीषण बाढ़ से हुई क्षति का जायजा लेने बुधवार को दो सदस्यीय केन्द्रीय टीम समस्तीपुर पहुंची. टीम सबसे पहले समाहरणालय सभाकक्ष में अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ और बरसात से हुई क्षति के बारे में जानकारी ली. उसके बाद प्रभावित क्षेत्र में जाकर स्थिति का जायजा भी लिया. बैठक में जिलाधिकारी ने बाढ़ और बरसात से हुई क्षति पर बिन्दुवार चर्चा की बैठक में बताया गया कि बाढ़ से कितने गांव प्रभावित हुये एवं कितनी जनसंख्या प्रभावित हुई.
इसकी जानकारी दी गयी, जिले के मोहनपुर, मोरवा, खानपुर, शिवाजीनगर तथा मोहिउद्दीननगर में चलाये गये कम्यूनिटी किचेन के बारे में चर्चा की गयी. टीम ने • बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कें, पुल, पुलिया, किसानों की फसल क्षति, बिजली ट्रांसफार्मर के बारे में भी जानकारी ली. बाढ़ में एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम द्वारा लोगों तक मदद पहुंचाने के लिये चलाये गये अभियान के बारे में जानकारी दी गयी. बाढ़ के समय में लोगों को किचेन के माध्यम से खाना पहुंचाने का फोटो भी टीम से साझा की गयी. जटीए कॉलेज मोहिउद्दीननगर, आइटीआई कॉलज मोहिउद्दीननगर, टाउन हॉल मोहिउद्दीननगर में रिलीफ कैंप से संबंधित जानकारी भी टीम के सदस्यों को दी गयी. पशु चिकित्सा शिविर सह
राहत शिविर के बिन्दुओं पर भी पर भी चर्चा की गयी. हेल्थ कैंप कोविड-19 टीकाकरण के के बारे में भी विस्तार से बताया गया. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हैंड पंप, टॉयलेट, बाढ़ के समय में खानपुर, कल्याणपुर, बिथान, मोहनपुर सहित अन्य प्रखंडों में उपलब्ध करायी गयी सुविधाओं के बारे में टीम को बताया गया. विदित हो कि जिले में आयी बाढ़ और भीषण बरसात से उत्पन्न बाढ़ की स्थिति के कारण व्यापक पर क्षति पहुंची थी. 171 सामुदायिक किचेन चलाये गये. इसमें 13 लाख 17 हजार 993 लोगों को भोजन कराया गया. 369 से अधिक नावों का परिचालन कराया गया था.
56627 से अधिक परिवारों को जीआर की राशि दी गयी. कृषि के दृष्टिकोण से जिले का पूसा, रोसड़ा, शिवाजीनगर, विभूतिपुर, उजियारपुर तथा वारिसनगर प्रखंड बाढ़ प्रभावित हुआ था. वहीं कृषि और आबादी दोनों दृष्टिकोण से जिले का मोहनपुर, कल्याणपुर, दलसिंहसराय, पटोरी, सरायरंजन, हसनपुर, विद्यापतिनगर, मोहिउद्दीननगर, मोरवा, समस्तीपुर, बिथान, खानपुर, ताजपुर तथा सिंधिया प्रखंड प्रभावित हुआ था. कृषि के दृष्टिकोण से जिले का 302 पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हुआ था. वहीं कृषि और आबादी दोनों दृष्टिकोण से जिले का 20 पंचायत पूर्व रुपेण तथा 59 पंचायत आंशिक रूप से बाढ़ प्रभावित हुआ था.
17655 से अधिक लोगों को बाढ़ के कारण निष्कासित होना पड़ा था. बैठक में अपर समाहर्त्ता, सदर अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी पटोरी, सहित कई अनुमंडल स्तरीय पदाधिकारी और प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी मौजूद थे बैठक के बाद केन्द्रीय टीम जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार के साथ विद्यापतिनगर नगर प्रखंड गयी. वहां के रिलीफ कैंप को देखा पंचायतों में जाकर स्थिति का जायजा लिया. किसानों से बातचीत की. किसानों की समस्याएं सुनी बाढ़ से उत्पन्न स्थिति,चलाये गये राहत कार्य आदि के बारे में जानकारी ली. उसके बाद पटोरी प्रखंड जाकर फिल्ड विजीट किया. वहां से वापस पटना लौट गयी. जिले में 61.13 प्रतिशत फसल की क्षति हुई है.138776.66 हेक्टेयर में लगी फसल में से 98949.98 हेक्टेयर में लगी फसल क्षतिग्रस्त हुई. इससे कुल 132.28 करोड़ रुपये की क्षति हुई. वहीं मत्स्य पालकों को 4162232 रुपये की क्षति हुई है. मछली का जीरा 50.76 हेक्टेयर में था, जिसे क्षति पहुंची है.