विद्यापतिनगर के बंगराहा हेतिमपुर गांव में रविवार की देर रात एक ईंट व • खपड़ैल का मकान धराशायी हो गया. इससे सो रहे छह लोग मलबे में दब गये. शोर सुनकर पहुंचे लोगों ने छह लोगों को भारी मशक्कत के बाद बाहर निकाला. इनमें एक बच्ची सहित तीन महिलाओं की मौत हो गयी थी.
विद्यापतिनगर
बंगराहा हेतिमपुर गांव में रविवार की देर रात एक ईंट व खपडेल का मकान धराशायी हो गया. थके-हारे शरीर को गहरी नींद आती थी. जहां मौत का साया दूर होता था. वह काल बन बैठा, गहरी नींद में सो रहे परिवार को काल के गाल में समा गया. इस घटना से उत्पन्न हृदय विदारक दृश्य से बंगराहा गांव के वासी अचंभित ही नहीं दुख के सागर में समा गये हैं. जलजमाव से हुए मकान के धराशायी होने की घटना ने ग्रामीणों के दिन का चयन व रात की नींद उड़ा दी है. रविवार की रात परदेस में परिवार के भरण-पोषण की जद्दोजहद कर रहे पुत्र उमेश राय ने मां रामसखी देवी से खैरियत पूछा था. जवाब में बूढ़ी मां ने सब ठीक ठाक बताया था. अन्य दिनों की भांति उमेश ने पत्नी सोनिया देवी से मोबाइल पर हंसी-ठिठोले कर हालचाल पूछ नवरात्र में मिलने का वचन दिला सो जाने की बात कही थी. परंतु नियति को यह मंजूर नहीं था. नवरात्रा में पति के परदेस से आने व नये वस्त्रों से मांग सजाने के स्वप्न में रविवार को सोयी सोनिया ख्वाब सदा के लिये अधूरा रह गया.
ग्रामीणों को आशियाना गिरने के झंझाबात में छोड़ गया. सोनिया का पति परदेस में मजदूरी कर मां व परिवार का भरण करता था. अब उसके मेहनतकश जुनून पर नियति ने विराम लगा दिया. अपनों के लिये कमरतोड़ मेहनत मजदूरी करने वाला के सामने यक्ष प्रश्न खड़ा है, अब जीये तो किसके लिये बूढ़ी मां, पत्नी, बेटी जो काल के गाल में समा गये. बताते चलें कि बंगराहा पंचायत के हेतिमपुर गांव में रविवार की मध्य रात्रि ईंट व खपरैलनुमा मकान धराशायी हो गया. घर में एक किशोर सहित छह महिलाएं सो रहे थे. आधी रात को घर गिरने की आवाज सुन ग्रामीण उस ओर भागे थे, जहां काफी मशक्कत बाद ग्रामीणों ने घर में सोये छह लोगों को बाहर निकाला. सभी मकान के बड़े व भारी मलवे में दबे थे. बाहर निकाले जाने के • बाद तीन की मौत हो चुकी थी.
वहीं तीन गंभीर रूप से जख्मी थे. इस घटना से ग्रामीणों में अपने मकान को लेकर संशय की स्थिति बनी है. धराशायी हुआ मकान इतना भी पुराना व जर्जर नहीं
था कि उसके गिरने का भय बना रहता. मकान के धारासायी होने का कारण आसपास वर्षा का पानी जमा होना बताया जाता है. ज्ञात हो कि इस घटना में एक ही परिवार के कैलाश राय की पत्नी रामसखी देवी (68), उमेश राय की पत्नी सोनिया देवी (32) व पुत्री स्नेहा कुमारी (6) की मौत हो गयी है, जबकि घायलों में उमेश राय की पुत्री गुड्डी कुमारी (15), नेहा कुमारी (10) व गणेश कुमार (5) शामिल हैं.
दिखने में दिलों को सकून देने वाला, थके-हारे शरीर को आसरा देने वाला बिन आंधी तूफान को धरासायी हो गया.
ग्रामीणों को यह चौकाने वाला प्रतीत हो रहा है. इसके साथ ही मकान के मलवे में दबने से हुई तीन तीन मौत ने लोगों में दिन का चैन व रात की नींद छीन ली है. ग्रामीणों की माने तो आफत-विपत में घर के गिरने का अंदाजा किसी को नहीं था. कभी घर के दीवाल व खपरैल ने इसकी आहट नहीं दी. एकाएक सकून की नींद सुलनेवाला आशियायना रात्रि में धराशायी ही नहीं हुआ वरण परिवार के तीन सदस्यों के मौत का कारण बना.
सीओ ने दी सरकारी मदद
घटना की जानकारी मिलते ही सीओ अजय कुमार ने दल बल के साथ पहुंच जख्मी तीन लोगों को चिकित्सा के लिए भिजवाया. सीओ को घटनास्थल पर मौजूद देख लोगों को सरकारी मदद पर भरोसा मजबूत हुआ. सीओ ने इलाज के तौर पर परिजनों को साठ हजार रुपया उपलब्ध कराया. वहीं आवास देने का भरोसा दिलाया.