ठगी मामले में रविवार देर रात गिरफ्तार दरभंगा का अविनाश मिश्रा दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी करता था। कई बार परीक्षा देने के बाद भी सफलता नहीं मिलने के बाद वह फर्जी आईपीएस बन लोगों को ठगने में लग गया। अविनाश मिश्रा उर्फ अमन पाराशर उर्फ दिलखुश दरभंगा के अशोक पेपर मिल थाना के पतोर निवासी शोभाकांत मिश्रा का पुत्र है।
वह अपने को 2014 बैच का आईपीएस बता लोगों को ठगी का शिकार बनाता था। किसी को नौकरी देकर तो किसी को उसका काम कराने का झांसा दे अपना शिकार बनाता था।अपने शिकार पर प्रभाव जमाने के लिए वह अपने साथ तैयारी करने वाले उन मित्रों का भी सहयोग लेता था जो आईएएस या आईपीएस बन चुके हैं। अविनाश की गिरफ्तारी के बाद पुलिस जैसे-जैसे मामले की जांच आगे बढ़ा रही है वैसे वैसे नये नये खुलासे भी हो रहे हैं। हालांकि अब तक उस पर दो ही मामला दर्ज हुआ है, लेकिन उसने कई शहरों में अपनी ठगी का जाल फैला रखा था। समस्तीपुर में वह पिछले एक साल से अपने धंधे में लगा हुआ था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि लोगों को ठगने के लिए अविनाश कभी किसी प्रकार की परेशानी होने पर अपने उन साथियों को याद करता था जो आईएएस या आईपीएस के पद पर कार्यरत हैं। इसकी ठगी से वे भी अंजान थे। जिससे वे अनजाने में मदद कर देते थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि किसी काम में दिक्कत होने पर वह अपने पुराने दोस्तों से किसी पदाधिकारी को कॉल भी करवा अपना काम निकलवा लेता था। हालांकि जांच में जुटी पुलिस को अभी यह पता नहीं चल पाया है कि उसने कितने लोगों को अब तक अपनी ठगी का शिकार बनाया है। अब तक वह मात्र दो बार ही पुलिस के हत्थे चढ़ा है। एक बार अपने गृह जिला दरभंगा में वह उस वक्त गिरफ्तार हुआ था जब वाहन चालकों से नाजायज रूप से पैसे की वसूली कर रहा था। वहीं दूसरी बार समस्तीपुर में एक किशोरी को झांसा देकर यौन शोषण करने में पुलिस ने दबोचा है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आइपीएस की वर्दी पहनकर उसने एक वीडियो यूट्यूब पर भी डाल रखा था।
पहली बार दरभंगा में किया गया था गिरफ्तार
अपने आप को आईपीएस बता लोगों को ठगने वाले अविनाश को पुलिस ने पहली बार 2017 में दरभंगा में गिरफ्तार किया था। दरभंगा के सदर अनुमंडल के एपीएम थाना क्षेत्र में वह आईपीएस बनकर वाहन जांच कर रहा था। छूटने के बाद से समस्तीपुर में था।