मोरवा।
डीएम शशांक शुभंकर के आदेशानुसार प्रखंड के सभी बाढ़ ग्रस्त पंचायतों में दो दर्जन से अधिक सामुदायिक रसोई केंद्र खोले गए हैं।
बाढ़ ग्रस्त पंचायतों के विस्थापित केंद्रों पर सामुदायिक रसोई केंद्रों के साथ ही शौचालय एवं चापाकलों की भी व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है। सीओ प्रीति लता के अनुसार सात पंचायतों में 15 सामुदायिक रसोई केंद्र चालू कर दिया गया है। बाढ़ पीड़ितों की संख्या के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता है। जिन बाढ़ पीड़ितों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है, या चारों ओर पानी से घिर गया है, अथवा संपर्क पथों के बाढ़ के पानी के कारण डूब जाने से संपर्क टूट गया है, उन सभी लोगों को बाढ़ राहत के लिए सूची में नाम शामिल कर अति शीघ्र राहत देने का आदेश दिया गया है। बीडीओ संजय कुमार सिन्हा
के अनुसार सभी अधिकारियों सहित अधिकांश विभागीय कर्मियों को बाढ़ राहत कार्य में लगा दिया गया है।
बाढ़ ग्रस्त घोषित कराने के मांगः मोरवा विधायक रणविजय साहू ने मोरबा विस क्षेत्र को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित कराने की मांग मुख्यमंत्री से ने मिलकर करेंगे। विधायक ने बताया कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित कराने के लिए अब तक वे जल संसाधन मंत्री तथा उप मुख्यमंत्री एवं आपदा प्रबंधन मंत्री से मिल चुके हैं।
फसल क्षतिपूर्ति मुआवजे की उठी मांगः चक पहार एवं सारंगपुर पश्चिमी पंचायत के बाढ़ पीड़ित सैकड़ों किसानों ने फसल क्षतिपूर्ति के मुआवजे के लिए मोरवा विधायक रणविजय साहू से गुहार लगा सहायता दिलाने की मांग की है। विधायक ने डीएम द्वारा मिले आश्वासन का हवाला देते हुए बताया कि जिन किसानों की फसल बाढ़ के पानी में डूब गई है, उसे मुआवजा दिया जाएगा।