राज्य में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों को कम करने के लिए क्रैश बैरियर (घेराबंदी) लगाए जाएंगे। सड़क किनारे बैरियर लगने से दुर्घटना होने के बाद गाड़ियां गड्ढे में लुढ़ककर नहीं जाएगी। नेशनल व स्टेट हाईवे के किनारे कई स्थानों पर बैरियर लग चुके हैं। अब जरूरत के अनुसार ग्रामीण सड़कों पर भी क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे।
पिछले महीने हुई समीक्षा बैठक में पाया गया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के तहत नेशनल हाईवे पर 2680 किमी सड़कों में 399 किलोमीटर सड़क दुर्घटना के लिए संवेदनशील हैं। इसमें लगभग 300 किमी में क्रैश बैरियर लगाया जा चुका है। जबकि 100 किलोमीटर में क्रैश बैरियर लगाने का काम जारी है। वहीं पथ निर्माण विभाग के अधीन 2686 किलोमीटर सड़कों में से 937 स्थानों को सड़क दुर्घटना के लिहाज से खतरनाक माना गया है। इनमें से अब तक 700 से अधिक स्थानों पर क्रैश बैरियर लगाए जा चुके हैं। जबकि लगभग 200 स्थानों पर क्रैश बैरियर लगाया जा रहा है।
इसी तरह ग्रामीण कार्य विभाग के अधीन 93760 किलोमीटर सड़कों में से 1862 मीटर सड़कें सड़क दुर्घटना के लिहाज से खतरनाक हैं। इन स्थानों पर सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। आलाधिकारियों के स्तर पर हुई समीक्षा बैठक के बाद ग्रामीण कार्य विभाग अब तक लगभग 400 मीटर में क्रैश बैरियर लगा चुका है। जबकि 1400 मीटर से अधिक बचे स्थानों पर क्रैश बैरियर लगाए जा रहे हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही बैरियर लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। वहीं पहले से लगे क्रैश बैरियर की भी समीक्षा की गई है। अगर अरसा पहले लगे बैरियर टूट-फूट गए हैं तो उसकी मरम्मत की जाएगी। जबकि अगर बैरियर पूरी तरह खराब हो गए हैं तो उसे बदल कर नया लगाया जाएगा।