शहर की सफाई की कमान समस्तीपुर नगर परिषद ने आउटसोर्सिंग एजेंसी को दे दिया है । इसके बाद भी शहर गंदा ही है। एजेंसी अपने काम की शुरूआत में ही पिछड़ रही है। शहर में कई जगहों पर गंदगी पसरी हुई है और एजेंसी के लोगों को दिख नहीं रही है ।
जगह-जगह कई दिनों से कूड़ा का ढेर बिखरा पड़ा है जहां सूअरों का हर समय जमावड़ा रहता है । इन जगहों से निकल रही सड़ांध से शहरवासियों का दम घुट रहा है। कई जगहों पर कूड़ादान कूड़ा से भरा हुआ है, जिसे निकाला नहीं गया है। कूड़ा उसी में सड़ रहा है। शहर के कचहरी रोड में पटेल मैदान जाने वाली सड़क के मोड़ पर कूड़ा का बड़ा ढेर पसरा हुआ है। कई दिनों से यह कूड़ा पड़ा है जो दिनभर सूअरों के लिए बसेरा बना हुआ है। सड़क पर कूड़ा के कारण बराबर जाम लगता रहता है। ताजपुर रोड में भी यही हाल है। पंजाबी कॉलोनी में सड़क पर दूर तक कूड़ा पसरा है। कर्पूरी बस पड़ाव गंदगी से पटा है। नगर थाना के सामने से लेकर मुफ्फसिल थाने के सामने सड़क नारकीय बनी हुई है। मोहनुपर रोड, गोला रोड, बहादुरपुर समेत अन्य जगहों पर कूड़ा जमा है। एजेंसी के पास अब कोई बहाना भी नहीं है कि नगर परिषद के सफाई कर्मी हड़ताल पर हैं। उनकी हड़ताल भी तीन दिन पहले ही खत्म हो चुकी है । एक जून को ही नगर परिषद से एजेंसी को शहर की सफाई की कमान मिली थी। परेशान हाल लोगों का कहना है कि शहर में एजेंसी जिस तरीके सफाई की शुरूआत की है उसमें शहर के सभी वार्डों में पूरी सफाई की संभावना नहीं दिख रही है। एक रूट में कूड़ा एजेंसी हटाती है तो दूसरे रूट में छोड़ देती है। उसके पास स्पीडी सफाई करने का पर्याप्त संसाधन का भी अभाव दिख रहा है। बरसात नजदीक है। इसको देखते हुए शहर में एजेंसी युद्धस्तर पर काम नहीं कर पा रही है। बता दें कि समस्तीपुर नगर परिषद प्रशासन मनमाने तरीके से शहर की सफाई करने के लिए 39, 27, 707 रुपये प्रति माह खर्च पर ठेका दिया है। अभी तक का यह सबसे बड़ा ठेका है। इससे नगर परिषद कोष पर बड़ा बोझ पड़ने वाला है।
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