समस्तीपुर नगर निगम का वार्षिक बजट सोमवार को भी पारित नहीं हो सका। बोर्ड की सोमवार को सभापति तारकेश्वरनाथ गुप्ता की अध्यक्षता में हुई विशेष बैठक को 15 पार्षदों ने अवैध बता बजट का विरोध किया। बैठक शुरू होने के साथ प्रभारी कार्यपालक अधिकारी संजीव कुमार ने जैसे ही 21 22 का बजट पेश किया पार्षदों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया।
पार्षदों ने पूछा कि बैठक से पहले नगर निगम के आय व व्यय का वर्षवार ब्योरा पार्षदों को क्यों नहीं उपलब्ध कराया गया। ऐसे में बजट पर विचार नहीं किया जा सकता है। उनका कहना था कि नगर परिषद के सशक्त स्थायी समिति के स्तर से लिए गए सभी निर्णय को बोर्ड का अनुमोदन क्यों नहीं लिया गया। साथ ही सभी निर्णय को बैठक से पहले सभी वार्ड पार्षदों को क्यों नहीं उपलब्ध कराया गया। उनका आरोप था कि बिना बजट पारित कराए नगर परिषद से पूर्व निविदा क्यों निकाली गयी तथा सामान का क्रय क्यों किया। बोर्ड से बिना निर्णय ि एनए आउटसोर्सिंग एजेंसी को 15 लाख अधिक का व्यय का ठेका क्यों दे दिया गया। किस वित्तीय अधिकार से ऐसा किया गया। ये कार्य घोर वित्तीय अनियमितता हैं। इसकी जवाबदेही तय की जाय। इस तरह एक सोची समझी साजिश के तहत आज फिर बजट पर बोर्ड की बैठक बुलाई गई ताकि बजट से पहले निविदा क्रय का भुगतान करा ताकी करोड़ों रुपये बंदरबांट को सफल किया जा सके।
बता दें कि पिछले 14 जून 21 को भी नप बोर्ड की विशेष बैठक बुलायी गई थी जिसमें लंबित तीन वित्तीय वर्ष 19- 20 20 21 व 21-22 का बजट प्रस्ताव बैठक में पेश किया गया था जिसे पार्षदों ने असंवैधानिक बताते हुए लगातार हंगामा व विरोध के कारण ही बजट पास नहीं हुआ था।
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