पर्व : अखंड सौभाग्य के लिए वट सावित्री कर रखेंगी वत।>> Samastipur City

 कोरोना महामारी के बीच महिलाएं गुरुवार को अखंड सुहाग का महापर्व वट सावित्री मनाएंगी। इसकी तैयारी व पूजन सामग्री की खरीदारी के लिए बुधवार को बाजार में देर शाम तक महिलाओं की भीड़ लगी रही।





महिलाओं ने पूजन-सामग्री एवं पंखे की खरीदारी करने में जुटी रही। इससे शहर के विभिन्न चौक चौराहो सहित हाट बाजारों में सुबह से ही काफी चहल-पहल रही। बांस के पंखे की दुकानों में भी काफी भीड़ दिखी। बाजार में बांस के पंखे 20 से 25 रुपये तक बिक रहे थे । पर्व को लेकर फलों की कीमतों में भी उछाल देखा गया। कपड़े की दुकान पर लोगों की भीड़ देखने को मिली। व्रती अपने मनपसंद के परिधान खरीदने के लिए जुटी हुई थीं।


सुहागिन महिलाएं अपने सुखद वैवाहिक जीवन वट वृक्ष का पूजन करती हैं। माना जाता है कि ज्येष्ठ माह के अमावस्या के दिन सावित्री ने यमराज अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लाई थी। तभी से इस व्रत को पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने लगा। खासकर सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की दीर्घायु को लेकर किये जाने वाले वट सावित्री पूजा की खरीदारी को लेकर महिलाओं की भीड़ बाजार में लगी रही।

फलों के मूल्य में काफी वृद्धि


पर्व को लेकर बाजार में फलों के मूल्य में काफी वृद्धि देखी गई लीची का दाम आसमान चढ़ा रहा। सौ रुपये सैंकड़ा बिकने वाली लीची चार सौ रुपये सैंकड़ा


पहुंच गया। पर्व को लेकर दुकानदारों ने फलों व बांस के दउरा व पंखे के दाम को दोगुना कर दिया गया था। वैश्विक महामारी के कारण महिलाएं अपने अपने घरों में ही इस व्रत को करने का मन बनाया है। अपने घर पर भी वटवृक्ष की डाल मंगाकर पूजन की तैयारी में हैं। वृक्ष में धागा लपेट सुख-शांति करेंगी कामना: पौराणिक मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ महीने की अमावस्या के दिन सुहागिन वटवृक्ष के समीप जाकर जल अर्पण करती है। और वृक्ष में धागा लपेटकर अपने परिवार के सुख-शांति


की कामना करती है। पूजन के क्रम में पंडितों द्वारा सावित्री के तप के कारण यमराज से उनके पति सत्यवान की प्राणरक्षा की कथा सुनती है। इस पूजन के मौके पर वटवृक्षों के समीप काफी भीड़ उमड़ती है।


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